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लघुक्षेपणं ससिणो, रविणो पुण जोयणे उन्नि ॥१७शादीवंतो असियसए, पण पणस । प्रकरण. ॥४५॥
ही य मंडला तेसिं ॥ तीसदिय तिसय लवणे, दस गुणवीस सयं कमसो ॥ १७३॥ ससि ससि रवि रवि अंतरि, म गलस्कु तिसयसाणो ॥ साहिय उसयरि पणचय, बहिलको उसय सादिर्ज ॥१४॥ सादियपणसहस तिहु, तराइ ससिणो मुहुत्तगइ म॥ वावस्मदिया सा बहि, पश्मंमल पनणचबुट्ठी
॥२७॥ जा ससिणो सारविणो, अमसयरिसएण सीसएण दिया ॥ किंचणा राणं अहा, रसहिनागाणमिद वुट्टी ॥१७६॥ मले उदयबंतरि, चनणवश्सहस्स
पणसय ग्वीसा ॥ बायालसहिनागा, दिणं च अधारसमुहुत्तं ॥१७॥ पश्मं । मल दिणदाणी, पुण्हमुहुत्तेगसहिन्नागाणं ॥अंते बारमुहुत्तं, दिणं निसा तस्स। विवरीया ॥२७॥ उदयबंतरि बाहिं, सहसा तेसहि सय तेसहि॥ तह ग ॥४५॥ ससिपरिवारो, रिकम वीसामसी गहा ॥ १७॥ गसहिसहस नवसय, पण
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