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बदसला नमवई, उरहियमत्तारसयं च ॥णा पणयाल लरकजोयण, विस्कंना सिद्धिप्रकरण.
सिल फलिद विमला ॥ तज्वरि गजोयणंते, लोगंतो तब सिविई ॥ ॥ ३० ॥ वहुमजदेसन्नाए, अवय चोयणाबादिल्लं॥चरिमंते सुय तणुई,अंगुलसंखि||
साई नागं ॥३॥ तिन्निसया तित्तीसा, धणुत्ति नागोय कोसनागो॥ज पर
मोगा दणाय, तंते कोसस्स बनागो॥श्नश॥ एगा य दोश्रयणी,अहेवय अं|
गुलेहिं साहीया ॥ एसा खलु सिहाणं, जहम उगाहणा नणिया ॥३॥ मणुध शायदारं समत्ततिरियदारं जम्माबावीस सग ति दस वा, स सहस गिण ति दिण बेंदियाईसुबारस वासुण पण दिण,उम्मास तिपलिय ठिई जिहा॥४॥ सहाय सुझ वालुय, मणोसिला सक्कराय खर पुढवी ॥ग बार चन्दसोलस, हारस बावीस समसहसा ॥श्नया गन्न नुय जलयरो नय, गन्नोरग पुत्र को | ॥३० । डि नक्कोसा ॥गनचनप्पय परिकसु, तिपलिय पलियाअसंखंसो॥६॥पुवस्स
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