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मणए मणए य होइ नायवे ॥घढे तहसंघटे, जिग्ने अव जिन्नए चेव ॥२२३ ॥
लोले खोलावत्ते, तहेव घण लोलुए य बोधवे ॥ बीयाए पुढवीए, इक्कारस इंदि । IN या एए॥श्श्ातत्तो तवि तवणो, तावस्मो पंचमो य निद्दो॥हो पुण पज
लि,नुप्पजलि यसत्तम ॥श्श्या संजलि अमर्ज, संपङलिउ यनवम नणितश्याए पुढवीए, नवदिय नारया ए ए॥२६॥आरे तारे मारे, बच्चे तमए य होइ नायवे ॥खाड खमे खंमखमे,इंदय नरया य चनडीए॥श्श्शाखा । || ए तमए य तहा,कसे कसंधए तहा तिमिसे ॥श्द पंचम पुढवीए, पंच निरइंद।
या हुंति ॥२॥ हिमवद्दल लल्लके, तिणिननिर इंदयाय नहीए॥एगो य स । दत्तमाए, अपश्हाणो न नामेणं ॥श्शणा पुवेण होइ कालो, अवरेण पहिम
हाकालोरोरो दाहिणपासे,उत्तर पासे महारोरो॥२३॥तेहिंतो दिसि विदिसिं, विणिग्गया अह निरय आवलिया ॥ पढमे पयरे दिसि गुण, वन्ना विदिसासु ।
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