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प्रकरण.
__ बृहत्सं० जहसंखं ॥ सत्तिनाग गाळयं, गाऊयं तद गानय तिनागो ॥१५॥ पढमा
मदीवलएसु, खिविङ एयं कमेण बीयाए॥ ति चन पंच व गुणं, तश्या , इसु तंपि खिव कमसो ॥१६॥ मचिय पुढवि अहे,घणुदहिपमुहाण पिंड प रिमाणं ॥ नणियं तवो कमेणं, दायजा वलय परिमाणं ॥१७॥ तीस पणवीस पणरस, दसतिमि पणूण एगलकाइं ॥ पंचय निरया कमसो, चुलसी लकाइ सत्तसु वि॥ १७ ॥ तेरिकारस नव सग, पण तिन्नि ग। पयर सवि गुणवन्ना ॥ सीमंताई अप्पर, गणंता इंदया मते ॥१॥सी मंतडपढमो, बी पुण रोरुय त्ति नामेण ॥रंनो य तब तल, दोश् चनबो य जनतो ॥२०॥ संनंतमसंनंतो, विनंतो चेव सत्तमो निर ॥ अहम नं तो पुण,नवमो सीउत्ति णायचो॥२२॥ चकंतणु वुक्कंतो, विकलो तह चेव रोरु |॥२६॥ निर ॥ पढमाए पुढवीए, इंदिया एएबोधवा ॥श्श्शाथणिए थणए य तदा,
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