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तेयं ॥ सुरनारयाण वुच्छं, नरतिरियाणं विणा जवणं ॥ १ ॥ उववाय चवण विरहं, संखं इगसमइ गमागमणे ॥ दसवाससदस्साई, नवणवईणं जहन्नवि | ई ॥ २ ॥ चमर बलि सार मदिच्यं तद्देवीणं तु तिमि चत्तारि ॥ पलियाई स ढाई, सेसा नवनिकायाणं ॥ ३ ॥ दा हि दिवपलियं, उत्तरन हुंति न्नि दे | सूणा ॥ तद्देवि मन्द पलियं, देणं आमुक्कोसं ॥ ४ ॥ वंतरि प्राण जहन्नं, | दसवास सदस्स पलिप्रमुक्कासं ॥ देवीगं पलिई, पलियं हियं ससिरवी णं ॥ ५ ॥ सरेकेण सदस्सेण य, वासाण गहाण पलिमेएसिं ॥ विइ प्रदे वीणं ॥ कमेण नरकत्ततारा ॥ ६ ॥ पलि चडनागो, चन मनागादिगा | देवी ॥ चजुले चनागो, जदन्नममनाग पंचमए ॥ ७ ॥ दोसादि स त्तसादिय, दस चनदस सतर यर जा सुक्को ॥ इक्किक्क महिय मित्तो, जा इ | गतीसुवरि गेविजे ॥ ८ ॥ तित्तीस गुत्तरेसु, सोहम्माइसु इमा विइ जिठा ॥
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