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डित्ति दोसु वि, वस्माइगहा सुहा असुहा ॥१॥ नाम धुव बंधि नवगं, दंसण || मालण नाण विग्घपरघायं ॥नय कुब मिच सासं, जिण गुण तीसा अपरियत्ता| IHरना तणु अह वेअजुअल, कसाय नजोअ गोय उगे निदा॥ तस वासा। Nन परित्ता, खित्तविवागाणुपुवी ॥१५॥ घणघाइगोन जिणा, तसिअर || तिसुलग उन्नग चन सासं॥ जातिग जिअ विवागा, आऊ चनरो नव वि| वागा ॥२०॥ नाम धुवोदय चन तणु, वघाय साहारणियजोअतिगं॥ पु. ग्गल विवागि बंधो, पयहि रस पएसत्ति ॥२१॥ मूल पयडीण अड स, त्त बेग बंधेसु तिन्नि नूगारा ॥ अप्पतरा तिअ चनरो, अवाि नहु अवत्त बो ॥ एगाददिगे नूड, एगाई कणगम्मि अप्पतरो॥ तम्मत्ती अवाव्य ४॥ उ, पढमें समए अवत्तवो ॥३३॥ नव व चऊदंसे उछ, ति: मोदे उगवीस सत्तरस ॥ तेरस नव पण चन ति , इको नव अह दस फुन्नि ॥॥ ति पण
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