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वढमाणय, पडिवाई यर विदा बढ़ा दी || रिजम विलमई मण, नाणं के | वल मिगविदाणं ॥ ८ ॥ एसिंजं आवरणं, पडुच्च चकुरस तं तया वरणं ॥ दंसण चन पण निद्दा, वित्तिसमं दंसणावरणं ॥ ॥ चकु द्दिधि अचकू, सेसिंदिय नहिं केवलेहिं च ॥ दंसण मिद सामन्नं, तस्सावरणं तयं चन्दा ॥ १० ॥ सुद | पडिबोदा निद्दा, निद्दा निद्दा य डुकपर्डिबोदा ॥ पयला विजेवविध, स्स पयल पयला य चंकमर्ज ॥ १२ ॥ दिए चिंतित करणी, थीम दी प्रचक्कि ६ | बला ॥ महुलित्त खग्गधारा, लिहिणं व डुदान वे ॥ १२ ॥ सन्नं सु रमणुए, सायमसायं तु तिरि निरएसु ॥ मव मोदी, डुविदं दंसण च |रण मोदा ॥ १३ ॥ दंसणमोदं तिविदं, सम्मं मीसं तदेव मित्तं ॥ सुद्धं अ विसु, विसुधं तं दवइ कमसो ||१४|| जि अजि म पावा, सव संव र बंध मुरक निकरणा ॥ जेणं सद्ददइ तयं, सम्मं खइगाइ बहुनेछं ॥ १५॥ मी
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