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| नरंसि वा ां निलिजिया, करकंसि वाणं समादडिया, प्रदावन्नाणि वा लेणाणि वा उवागचिका, रुकमूलाणि वा नवागचिका, जदा से पाणिंसि दए वा दगरए वा दगफु सिच्या वा नो परियाव ॥२॥ वासावासं पोसवियस्स पाणिपडिग्गदियस्स निरकुस्स जं | किंचि कणगफुसियमित्तंपि निवडेति, नो से कप्पइ गादावइकुलं नत्ताए वा पाणाए निरक| मित्त वा पविसित्तए वा ॥ ३०॥ वासावासं पोसवियस्स पडिग्गदधा रिस्स निरकुस्स नो | कप्पइ वग्घारियवु ठिकायंसि गादावइकुलं प्रत्ताए वा पाणाए वा निस्कमित्तए वा पविसि - उत्तए वा, कप्पर से पवु ठिकायंसि संतरुत्तरंसि गादावइकुलं जत्ताए वा पाणाए वा निकमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ ३२॥ ( ग्रं० ११०० ) वासावासं पोस वियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गादावइकुलं पिंमवायपरिच्या अणुपविहरस निगिज्जिय निगिकिय वुठिकाए | निवइका, कप्पर से प्रदे आरामंसि वा पदे नवस्सयंसि वा प्रदे वियडगिदंसि वा प्रदे | रुकमूलंसि वा जवागवित्तए ॥ ३२॥ तब से पुवागमणेणं पुवाउत्ते चाडलोदणे पञ्चात्ते नि
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