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________________ रायपसेणइय सुत्तनो सार Jain Education Inmat एनां मणिकनकमय शिखरो उचां आभने अडतां छे. महेलोनी भींतोमां बच्चे बच्चे रत्नोवाळां जाळियांओ मूकेलां के. वारणांमां पेससांज विकासमान पुण्डरीक कमळो अने भींतोमां विधविध तिलको तथा अर्धचंद्रको कोरेला छे. महेलो अंदर अने बहार लीसा सोनेरी वेळुथी लींपेला सुंदरतम छे. जे प्रकंठको उपर ते महेलो छे ते प्रकंटको पण छत्रोथी शोभती धजाओथी रमणीय छे. [१०६] ए महेलोनां बारणांनी बन्ने बाजु सोळ सोळ तोरणो जणावेलां छे. ए मणिमय तोरणो मणिमय थांभलाओ उपर बेसाडेलां छे, तेमना उपर पद्म वगेरेना गुच्छाओ टांगेला छे. ते एक एक तोरणनी आगळ पूर्वे वर्णवेला पवा नागदंतो तथा पवी ज बच्चे पूतळीओ उमेली छे. ते ज रीते दरेक तोरणनी आगळ एक एक बाजु सर्वरत्नमय घोडा हाथी मानव किंनर किंपुरुष महोरग गांधर्व ने वृषभनां बब्बे जोडकां तथा तेमनी श्रेणीओ वगेरे आवेलां छे, ते ज प्रकारे नित्य पुष्पवाळी सर्वरत्नमय पद्मलता वगेरेनी श्रेणिओ आवेली छे. ए रीते, हे आयुष्मन् श्रमण ! दिशास्वस्तिक चंदनकलश अने मत्तगजना मुखनी जेवा भृङ्गारनी वे हारो गोठवेली छे. वळी, ते तोरणनी आगळ बच्चे बच्चे आरिसा होवानुं जणावेलुं छे. प आरिसानां चोकठां सुवर्णमय, मंडळो अंकरत्नमय - १० अने मां पडतां प्रतिबिम्बो निर्मलातिनिर्मल छे. हे दीर्घजीवी श्रमण ! चन्द्रमंडळ जेवा प निर्मळ आरिसा अर्धकायप्रमाण जणावेला छे. वळी, ए तोरणोनी आगळ वज्रमा बच्चे थाळो जणावेला छे. प रथना पैडा जेवा मोटा मोटा थाळो जाणे के त्रणवार छडेला आखा चोखाथी भरेला ज होय एवा भासे छे. वळी, ए तोरणोनी आगळ स्वच्छ पाणी अने ताजां लीलां फळोथी भरेली वे बे पात्रीओ मूकेली जणावेली छे. हे चिरंजीव श्रमण ! ए वे बे पात्रीओ गायने खाण आपवाना मोटा गोळ सुंडला जेवडी मोटी सर्वरत्नमय अने शोभनातिशोभन छे. For Private & Personal Use Only ॥७१॥ jainelibrary.org
SR No.600148
Book TitleRaipaseniya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1938
Total Pages536
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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