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________________ रायपसेण इय सुत्नो सार ॥४३॥ ए महेलोमां रहेनारा देवो अने देवीओ परस्पर क्रीडामां मशगुल हर्ता, रतिमां आसक्त हतां अने अनेक प्रकारना विलासोमां तल्लीन हतां; ते बधां ए घंटानो अवाज सांभळी एककान थइ गयां, घंटानो अवाज सांभळी ते बाने कुतूहल थयुं. घंटानो अवाज शांत थया पछी ते देवो अने देवीओए 'सौए भगवान महावीरने वांदवा माटे जनारा सूर्याभदेव साथे जवा तैयार थर्बु अने बराबर वखतसर पोतपोतानां वाहन-यानो साथे सूर्याभदेवनी समक्ष हाजर थर्बु' एवी ए सेनापतिदेवे सूचवेली सूर्याभदेवनी आज्ञाने ध्यानपूर्वक सांभळी. [२७] सेनापतिदेवे संभळावेली सूर्याभदेवनी आज्ञाने सांभळीने ए बधां देवो अने देवीओ हर्षित थयां. एमांना केटलांकने तो भगवान महावीरने वांदवानी वृत्ति थइ आवी, केटलांक तो भगवान महावीरने पूजवा माटे उत्सुक थई गयां, केटलांकने भगवान तरफ सत्कारनो भाव उपज्यो, केटलांक भगवंत तरफ सन्मानवृत्तिवाळां थयां, केटलांक मात्र कुतूहळवृत्तिथी ज भगवाननी पासे जवाने तैयार थवा लाग्यो, केटलांकने पम थयं के भगवान पासे जशु तो जे आजसुधी नथी सांभळ्यं तेवं नवं सांभळशः केटलांक एवं विचारवा लाग्यो के भगवान पासे जशुं तो अर्थाने, हेतुओने, प्रश्नोने, कारणोने अने व्याकरणोने पूछवानो प्रसंग मळशे. बीजां केटलांक मात्र सूर्याभदेवनी आज्ञानी खातर ज तैयार थवा मांड्यां. केटलांक वळी परस्परना अनुरागथी भगवान पासे जवानी तैयारी सूर्याभदेवन विमान लाख योजननुं बतावेलं छे, तेमांनी सुघोषा घंटा योजनना घेरावावाळी छे, ते घंटा वगाड्या पछी तेना शब्दनो रणको लाख योजनना ए आखाय विमानमा पहेांची गयानु जणावेलु छे; पण एबुं बने शी रीते ? उपर्युक्त साधारण नियम प्रमाणे तो बार योजन करतां वधारे छेटेथी आवतो शब्द कोइ पण बीजा साधनना उपयोग विना एनीमेळे श्रोप्रग्राह्य थइ शकतो नथी, तो पछी ए घंटानो रणको लाख योजन प्रमाणवाळा विमानमा बधे शी रौते पहोंची शक्यो हशे ? टीकाकार पोते आवी शंका उठावे छे अने तेनुं समाधान आपता ते पोते ज कहे छे के ए तो बधुं देवना प्रभावथी बनी शके छे, माटे ए विशे कोइ तर्क के शंकाने अवकाश नथी. [विवरण पृ० ७१५०१०] Jain Education Interling For Private Personel Use Only Law.olnelibrary.org
SR No.600148
Book TitleRaipaseniya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1938
Total Pages536
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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