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________________ विषयानु रायपसेणइय सुत्तं क्रम ॥३७॥ कंडिका विपय सूचना आपवा ते जारीने, पोताने घरे तुं थोडीवार माटे पण न जवा दे तेम नरकपालो सजा पामेला नारकीने थोडीवार माटे पण छूटो भूकता नथी माटे ज तेओ-सजा पामेला नारकीओ-अहीं आवी शकता नथी अने पम छे माटे जीव अने शरीर जुदा जुदां छे पण एक नथी. नारकी अहीं न आवी शके तेनां कारणोनी चर्चा जीव अने शरीर जुदां जुदां होय तो मारी धर्मात्मा दादी श्रमणना कहेवा प्रमाणे स्वर्गे गपली होची जोईप अने पम होय तो ते त्यांथी मने स्वर्गनां सुखो बाबत सूचना करवा केम न आवे? आजसधी नथी आवी माटे जीव अने शरीर जुदा जुदां नथी पण एक छे. देव अहीं न आवी न शके तेनां कार णोनी चर्चा १७० स्वर्गमां गपलो प्राणी स्वर्गीय भोगोनी आसक्तिने । कंडिका विषय लीधे अहीं न आवी शके माटे जीव नथी एम न कहेवाय १७२ लोढानी कुंभीमां नाखेला चोरना उदाहरणथी अजीववाद १७२ सज्जड बंध करेला घरमांथी जेम शब्द बहार आवे छे तेम सज्जड बंध करेली कुंभीमांथी जीव नीकळी शके छे १७३ मरेलो चोर कुंभीमां कृमिरूप थयो छे माटे अजीववाद १७४ तपेला लोढामां जेम अग्नी पेसे छे तेम काणां वगरनी कुंभीमां पण जीवो पेसे छे १७५ बाळ अने युवकना उदाहरणथी अजीववाद १७६-१७८ युवकना बीजा प्रकारना उदाहरण द्वारा जीववाद १७९ जीवताना अने मुपलाना वजनमा फरक नथी माटे जीव नथी १८० पवनथी भरेली कोथळीमां अने खाली कोथळीमा बज ननो फरक नथी माटे पवन नथी? lain Education For Private Personel Use Only ainelibrary.org
SR No.600148
Book TitleRaipaseniya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1938
Total Pages536
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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