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भूरिमच्छिआहिं च वेढिआ । तं दृटुं दुदृकुटो सो, नाओ लट्ठीवि से करे ॥ ९॥ पहंमि पयपंतीए, अणुसारेण जाणिआ। पिट्टे इत्थी लहुं सावि, वह रुद्वत्तणाइणा ॥१०॥ पच्छायावेण सा पच्छामुही पिढिमि | पिच्छए । तीसे पच्छामुहे पाए, दर्दू रुढत्ति निच्छि अं॥११॥ धूलीए पायपरस, पडिबिंबेण सवणा। पाय-16 बिंबाणुसारेण, लक्खणाइवि लक्विअं॥१२॥ पाणिपायंगुलीणं तु, विवेण भूसणा बह । मुणिआ वणिणो चेव, होइ एवंविहा वह ॥ १३ ॥ जेण रुढा सगेहाउ, निग्गया तेण गविणी। विवि सा धुवं कूवपडणाइ-18 विवज्जणा ॥ १४ ॥ देहचिंताकए तीए, गंतीए भामिणी इमा। उत्तिन्ना य निसन्ना य, आसन्ने बदरीवणे ॥१५॥ कट्टं दक्खिणहत्थस्स, अवटुंभेण उहिआ। तो नाया पुत्तगम्भा सा, आसन्नपसवा तहा ॥१६॥ तीए कयं आयमणं, तन्नीरं तु निरूविउ । घुसिणस्संगरागोवि, तीए निद्वारिओ मए ॥१७॥ तीसे केसकलावाओ, पडिअं| बउलस्सिार । पलोइउं परिनाओ, धम्मिल्लोवि तहाविहो ॥ १८॥ बदरीकंटयलग्गे, उत्तरीअस्स तंतुणो । तीए पिच्छित्तु निण्णीअं, उत्तरीअं कुसुंभिअं॥१९॥ न विणा सभया अंबोवरि माणुस! मारुहे । पयपंतीवि नो, तीए, निहालिजइ भूतले ॥ २०॥ सारहिस्स पुणो ठाणे, इक्को चेव निसीअए । सामथओ तओ नायं, वेल्लगं सगडं मए ॥ २१॥ वेल्लगोवरि इत्थी अ, न सकेइ निवेसि । ता तत्थ सारही नूणं, निसन्ना सा उ तप्पए ॥ २२॥ सुणित्ता सायरेणुत्तं, तं चित्तंमि चमकिओ।भूवो भासेइ भो दुण्हं, अत्थि कोवि हु सक्विओ? ॥२३॥18 सायरो अक्खए दक्खो, विक्खाओ अस्थि सक्खिओ । विमलस्स पिआ सिट्ठी, कमलो विमलो मणे ॥ २४ ॥
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