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________________ मो भगवती अवचूरिः सूत्र एमेव होइ खेत्ते, एगपएसावगाहणाईसु' । ठाणंतरसंकंति, पडुच्च कालेण मग्गणया ||१०|| संकोयविकोयंपि हु, पडुच्च ओगाहणाय एमेव । तह सुहुमवायरणिरेय,-सेयसदाइपरिणामं ॥११॥ एवं जो सवोच्चिय, परिणामो पोग्गलाण इह समए । तं तं पडुच्च एसिं, कालेणं अप्पएसत्तं ॥१२॥ कालेण अप्पएसा, एवं भावा पएसएहितो । होति असंखेज्जगुणा, सिद्धा परिणामबाहल्ला ॥१३॥ एत्तो दव्यादेसेण, अपदेसा हवंति ( १अपएसा भावाढत्ता असंखगुणा सपएसा दव्वउत्ता विसेसाहिया ) संखगुणा । के पुण ते ? परमाणू, कह ते ? बहुयत्ति तं सुणसु ॥१४॥ अणु संखेज्ज पएसिय, असंखणंतपएसिया चेव । चउरो चिय रासी पोग्गलाण लोए अणंताणं ॥१५॥ तथाणंतेहितो सुत्तेऽणंतप्पएसिएहितो । जेण प्पएसट्टाए, भणिया अणवो अणंतगुणा ॥१६॥ संखेजतिमे भागे, संखेजपएसियाण पद॒ति । नवरमसंखेजपएसि,-आण भागे असंखतिमे ॥१७॥ सइवि असंखपएसि,-आण तेसिं असंखभागते । बाहुल्लं साहिजइ, फुडमवसेसाहिं रासीहि ॥१८॥ जेणेक्कारामिणो चिय, असंखभागेण सेसरासीणं । तेणासंखेजगुणा, अणवो कालापएसेहिं ॥१९॥ एतो असंखगुणिया, हवंति खेत्ता पएसिया समये । जंते सा सव्वेवि य, अपएसा खेत्तओ अणवो ॥२०॥ टी०-१-अयं पाठः प्रत्योः अधिको दृश्यते । ॥६५॥ Jain Education intermatke For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600115
Book TitleBhagvatisutra Avachuri
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1974
Total Pages248
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size11 MB
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