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पइसमयं विहडियजडकडप्पवक्कलगलंतजलकणिया। अंतो विसंति तणुणो जयगुरुणो दुस्सहा धणियं ॥ २॥ । पयईए चिय माहुब्भवस्स सीयस्स दुस्सहं रूवं । किं पुण परोट्ठदुचेट्ठवंतरीसत्तिपग्गहियं ॥३॥ पागयनरस्स तारिससीउब्भववेयणाविणिहयस्स । फुटइ देहं निरुवकमाउयत्ता ण उण पहुणो ॥४॥ इय चउजामं रयणिं जिणस्स सीओवसग्गसहिरस्स । सविसेसं संलग्गं धम्मज्झाणं भवुम्महणं ॥ ५ ॥
तओ तदहियासणेण जायंमि विसेसकम्मक्खए वियंभियं ओहिनाणं, सवं च लोगं पासिउमारद्धो, पुवं पुण |गन्भसंभवाओ आरम्भ सुरभवकालमित्तो ओही आसि, एक्कारस य अंगाणि सुयसंपयं होत्था, अह कडपूयणा निप्प| कंपं भयवंतं वियाणिऊण रयणिविरामंमि पराजिया समाणा उवसंता कयपच्छावाया य भत्तीए पूर्य काऊण गया सट्ठाणं। सामीवि तत्तो निक्खमित्ता भद्दियं नाम नयरिं छटुं वासावासं काउमुवागओ, गोसालगोऽवि मिलिओ छट्ठ-17 मासाओ, सामि दहण जायहरिसो नमिऊण पायपंकयं पमोयमुवगओ समाणो पुवपवाहेण पजुवासिउं पवत्तो, सामीवि तत्थ विचित्ताभिग्गहसणाहं चाउम्मासखमणं काऊण वासारत्तपजंते बाहिं पारेत्ता गोसालेण समेओ मगहाविसए अट्ठ मासे उउबद्धे निरुवसग्गं विहरइ । | सत्तमं च वासारत्तं काउकामो आलहियं नाम नयरिं एइ । तत्थवि चाउम्मासखमणाणंतरं बाहिं पारेत्ता कंडा-1 |गनामसन्निवेसमुवागच्छइ, तहिं च उत्तुंगसिहरस्स महुमहणभवणस्स समुचिए एगदेसे ठिओ काउस्सग्गेण सामी,
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