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________________ SONGS श्रीगुणचंद महायस निव्ववसायाणं केरिसो निव्याहो?, ता परिचयसु आलस्सं, गिण्हसु ममारामस्स एगदेसं, समुचिणसु सन्दनपुरे महावीरच० कुसुमाई, गुंथिऊण य विविहमालाओ विकिणसु रायमगंमि जहा सुहेण चेव निव्वहइ तुह परिग्गहोत्ति। नरविक्रमा ४ प्रस्ताव तओ-जह जह वाएइ विही विसरिसकरणेहिं निट्ठरं पडहं । धीरा पहसितवयणा नचंति तहा तह चेव ॥ १॥ ॥९९॥ 2 इय चिंतिऊण खत्तधम्माणणुरूवंपि तयणुरोहेण पडिवन्नमेयं कुमारेण, पइदियहं च सह सीलमईए मालागारो-12 |वदंसियकाणणेगदेसतरुकुसुमाइं उचिणिय नियगेहमागंतूण मालाओ विरएइ,पाडलगभजाए य समं सीलमई तबिकय-18 है निमित्तं रायमग्गे पेसेइ, उप्पजइ बहू अत्थो, एवं च पइदिणं पुप्फविक्कयकरणेणं सुहेण संपजइ निवाहो, अन्नया | पप्फुल्लविइलमालाओ गहाय सीलवई गया रायमग्गे, अह तीसे स्वेण जोवणेण य लायण्णेण य सोहग्गेण य अक्खित्तचित्तो समागओ एगो कोडीसरीओ देहिलो नाम नावावणिओ, भणिया य तेण-भद्दे ! केत्तिएण इमाओ मालाओ लभंति ?, तीए भणियं-पंचहिं सुवण्णधरणहिं, तओ दानेन वैराण्युपयान्ति नाशं, दानेन भूतानि वशीभवंति। दानेन कीर्तिर्भवतींदुशुभ्रा, दानात्परं नो वरमस्ति वस्तु॥१॥ ॥९९॥ इय चिंतितेण तीसे चित्तावहरणत्थं समप्पिया तेण तिणि दीणारा, सहरिसाए तीए गहिऊण समप्पियाओ फुलमालाओ, विणएण भणिया य सा-भद्दे ! इओ दिणाओ आरब्भ माअन्नस्स दाहिसि, समहिगतरमुलेणवि अहमेव है गहिस्सामि, पडियन्नं च तीए, गयाइं दोनिवि नियनियगेहेसु, एवं पइदिणं सो तीए सगासाओ पुष्पमालाओ गि PRISLIST%AAROSAKA T AOG Jain Educat i onal For Private Personel Use Only ainelibrary.org
SR No.600114
Book TitleMahavir Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandra
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages704
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size15 MB
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