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________________ Jain Education कोमलकासव तस्स भुयवलं पेक्खिऊण जायभया । पमिलाणवयणकमला सहस्समलावि कंपति ॥ ५ ॥ लीलाएबिहु पयपंकयाई सो जत्थ जत्थ मेलेइ । वज्जाहयन्त्र धरणी तहिं तहिं थरहरइ वाढं ॥ ६ ॥ परिहासेणवि जे तेण पाडिया कहवि मुट्टियाएणं । ते नूणं जइ परगेहिणीऍ पुत्तेहिं जीवंति ॥ ७ ॥ खिवइ य जत्तो दिट्ठि तत्तो च्चिय सायरं विणयपणया । अहमहमिगाऍ धावंति किंकरा मुकवावारा ॥ ८ ॥ जस्साए बियर थेपि अणायरेणऽवि कुमारो । सो लद्धनिहाणो इव मन्नइ कयचिमणं ॥ ९ ॥ ates are rare समप्पंति सेसवावारा । तस्सेव परकमवण्णणेण लोयस्स पुणरुतं ॥ १० ॥ इय पुवभवज्जियसुकयकम्मवसवट्टमाणसोक्खस्स । अयलसमेयस्त सरंति वासरा अह तिविहुस्स ॥ ११ ॥ इओ य-रायगिहे नयरे भारहद्धवसुंधराहिवमणिमउडकोडिलीढपायवीढो पयलकालमायंड मंडलुड्डामरपयावकं तदिसिचको निधिसंकभुयदंड मंडव निलीणराय लच्छिविलास सुंदरी समरसीमनियमत्तमायंगकुंभत्थलगलियमुत्ताहलविरहयचउको महागोपुरपरिहसन्निहबाहुबद्धवीरवलओ निसियधारुक्कड चक्कनिक्कंतियवइरिग्गीवो आसग्गीवो नाम राया पडिवासुदेवो पवरं पंचप्पयाररमणिजं विसयसिरिमणुहवइ । एवं च वोलंतंमि काले सो विसाहनंदी कुमारो चिरं रज्जमणुपालिऊण मओ समाणो नरयतिरिए भमिऊण उबवण्णो एगंमि गिरिकंदरे सिंहत्तणेणं, पमुक्कबालभावो य इओ तओ हिंडतो उवहवेइ तस्स रण्णो पहाणसालिछेत्तनिवा सिकरिसगजणे, ते य तेण उवद्दविजमाणा आ For Private & Personal Use Only elibrary.org
SR No.600114
Book TitleMahavir Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandra
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages704
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size15 MB
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