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प्रवचन
सूत्रे
| पादीनि
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दोऽणंतगुणा विसेसहिया ॥ ३५ ॥ जीवा पोग्गल समया दव पएसा य पज्जवा चेव । थोवाणंताणता विसेसअहिआ२६२-६७ दुवेऽणंता ॥ ३६॥ २६३ द्वारम् ॥
अन्तरद्वीजा दुप्पसहो सूरी होहिंति जुगप्पहाण आयरिया। अजसुहम्मप्पभिई चउरहिया दुन्नि य सहस्सा ॥३७॥२६४ द्वारम्॥ है. ओसप्पिणअंतिमजिण तित्थं सिरिरिसहनाणपज्जाया। संखेजा जावइया तावयमाणं धुवं भविही ॥३८॥२६५ द्वारम् ॥
दो कायप्पवियारा कप्पा फरिसेण दोन्नि दो रूवे । सद्दे दो चउर मणे नत्थि वियारो उवरि यत्थी ॥ ३९॥ गेविज- १४२२-४९ गुत्तरेसुं अप्पवियारा हवंति सबसुरा । सप्पवियारठिईणं अणंतगुणसोक्खसंजुत्ता ॥ ४० ॥ २६६ द्वारम् ॥ हा पंचमकप्पे रिटुंमि पत्थडे अट्ठ कण्हराईओ । समचउरंसक्खोडयठिइओ दो दो दिसिचउक्के ॥४१॥ पुषावरउत्तरदाहिणाहि मज्झिल्लियाहि पुछाओ । दाहिणउत्तरपुधा अवरा बहिकण्हराईओ॥ ४२ ॥ पुवावरा छलंसा तंसा पुण दाहिणुत्तरा बज्झा । अभंतरचउरंसा सबावि य कण्हराईओ॥४३॥ आयामपरिक्खेवेहिं ताण अस्संखजोयणसहस्सा । संखेजसहस्सा पुण विक्खंभे कण्हराईणं ॥४४॥ ईसाणदिसाईसुं एयाणं अंतरेसु अट्ठसुवि । अट्ठ विमाणाई तह तम्मझे एक्कगविमाणं ॥ ४५ ॥ अच्चिं १ तहऽच्चिमालिं २ वइरोय ३ पभंकरे य ४ चंदाभं ५ । सूराभं ६ सुक्काभं ७ सुपइट्ठाभ च ८ रिट्ठाभं ९॥४६॥ अट्ठायरविईया वसंति लोगंतिया सुरा तेसुं । सत्तट्ठभवभवंता गिजंति इमेहिं नामेहिं ॥४७॥ सारस्सय १ माइच्चा २ वण्ही ३ वरुणा य ४ गद्दतोया ५ य । तुसिया ६ अबाबाहा ७ अग्गिच्चा ८ चेव रिट्ठा य ९॥४८ पढमजुयलंमि सत्त उ सयाणि बीयंमि चउदस सहस्सा । तइए सत्त सहस्सा नव चेव सयाणि सेसेसु ॥४९॥२६७ द्वारम् ॥
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