________________
यभंगाणमिमे सबाणवि हुंति गुणकारा ॥ ३७॥ छच्चेव य १ छत्तीसा २ सोल दुगं चेव ३ छ नव दुगमिकं ४ । छ स्सत्त सत्त सत्त य ५ छप्पन्न छसट्ठि चउ छढे ६ ॥ ३८ ॥ छत्तीसा नवनउई सत्तावीसा य ७ सोल छन्नई । सत्त य सोलस | भंगा अट्ठमठाणे वियाणाहि ८॥ ३९ ॥ छन्नउई छावत्तरि सत्त दु सुन्नेक्क हुंति नवमम्मि ९। छाहत्तरि इगसट्ठी छायाला हि सुन्न छच्चेव १०॥४०॥ छप्पन्न सुन्न सत्त य नव सत्तावीस तह य छत्तीसा ११ । छत्तीसा तेवीसा अडहत्तरि छहत्त
रिगवीसा १२॥ ४१॥ दुविहतिविहेण पढमो दुविहं दुविहेण बीयओ होइ । दुविहं एगविहेणं एगविहं चेव तिविहेणं ॥ ४२ ॥ एगविहं दुविहेणं एकेक्कविहेण छट्ठओ होइ । उत्तरगुण सत्तमओ अविरयओ अट्ठमो होइ ॥४३॥ पंचण्हमणुवयाणं एक्कगदुगतिगचउक्कपणगेहिं । पंचगदसदसपणएक्कगो य संजोय नायबा ॥४४॥ छच्चेव य छत्तीसा सोल दुर्ग चेव छ नव दुग एकं । छस्सत्त सत्त सत्त य पंचण्ह वयाण गुणणपयं ॥४५॥ वयएक्कगसंजोगाण हुँति पंचण्ह तीसई भंगा । गुणसंजोग दसण्हंपि तिन्नि सट्ठा सया हुंति ॥४६॥ तिगसंजोग दसण्हं भंगसया एक्कवीसई सट्ठा । चउसंजोगप्पणगे चउसट्ठि सयाण असियाणि ॥४७॥ सत्तत्तरी सयाई छहत्तराई तु पंचमे हुँति । उत्तरगुणअविरयमेलि-1|| याण जाणाहि सवग्गं ॥४८॥ सोलस चेव सहस्सा अट्ठ सया चेव हुँति अट्ठहिया । एसो वयपिंडत्थो दंसणमाई उ पडिमाओ॥ ४९ ॥ तेरसकोडिसयाई चुलसीइजुयाई बारस य लक्खा । सत्तासीई सहस्सा दो य सया तह दुरुत्ता य ॥५०॥२३६ द्वारम् ॥
सर्व पाणइवायं १ अलिय २ मदत्तं ३ च मेहुणं सर्व ४ । सबं परिग्गहं ५ तह राईभत्तं ६ च वोसरिमो ॥५१॥ सबं
प्र.सा.८६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org