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________________ SCIES उपलधम्मियनरनियलचउगइयार समुच्छिमाण य अमणतिरिच्छा नरतिरिया जुयलधम्मिए मोत्तुं । गब्भचउप्पयभावं पावंति अजुयलचउगइया ॥२२॥ नेरइया अमरावि ट्रिय तेरिच्छा माणवा य जायंति । मणुयत्तेणं वज्जित्तु जुयलधम्मियनरतिरिच्छे ॥ २३ ॥१९१ द्वारम् ॥ हैI भिन्नमुहुत्तो विगलेंदियाण संमुच्छिमाण य तहेव । बारस मुहुत्त गम्भे सबेसु जहन्नओ समओ ॥ २४ ॥ उबट्टणावि एवं संखा समएण सुरवरु तुल्ला । नरतिरियसंख सबेसु जंति सुरनारया गब्भे ॥ २५॥ बारस मुहुत्त गब्भे मुहुत्त सम्मु|च्छिमेसु चउवीसं । उक्कोस विरहकालो दोसुवि य जहन्नओ समओ ॥२६॥ एमेव य उबट्टणसंखा समएण सुरवरुत्तुल्ला । मणुएसुं उववजेऽसंखाउय मोत्तु सेसाओ ॥ २७ ॥ १९२-१९३ द्वारम् ॥ भवणवइवाणमंतरजोइसियविमाणवासिणो देवा । दस १ अट्ठ २ पंच ३ छबीस ४ संखजुत्ता कमेण इमे ॥ २८ ॥ |अलुरा १ नागा २ विजू ३ सुवन्न ४ अग्गी ५ य वाउ ६ थणिया ७ य । उदही ८ दीव ९ दिसाविय १० दस भेया भवणवासीणं ॥ २९ ॥ पिसाय १ भूया २ जक्खा ३ य रक्खसा ४ किन्नरा ५ य किंपुरिसा ६ । महोरगा ७ य गंधवा ८ अट्ठविहा वाणमंतरिया ॥ ३०॥ अणपन्निय १ पणपन्निय २ इसिवाइय ३ भूयवाइए ४ चेव । कंदिय ५ तह महर्कदिय ६ कोहंडे ७ चेव पयगे ८ य ॥ ३१॥ इय पढमजोयणसए रयणाए अट्ठ वंतरा अवरे । तेसु इह सोलसिंदा रुयगअहो दाहिणुत्तरओ ॥ ३२ ॥ चंदा १ सूरा २ य गहा ३ नक्खत्ता ४ तारया ५ य पंच इमे । एगे चल जोइसिया घंटायारा थिरा अवरे ॥ ३३ ॥ सोहंमी १ साण २ सणंकुमार ३ माहिंद ४ बंभलोयमिहा ५। लंतय ६ सुक्क ७ सहस्सार ८ आणय ९ पाणया १० कप्पा ॥ ३४ ॥ तह आरण ११ अञ्चुया १२ विहु इण्हि गेविजवरविमाणाई । पढम सुदरिसणं| For Private Personal use only
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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