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________________ प्रवचन सूत्रे ॥४८८॥ संजोयणा १ पमाणे २ इंगाले ३ धूम ४ कारणे ५ चेव । उवगरणभत्तपाणे सबाहिरऽभंतरा पढमा ॥ ७३४ ॥ कुकुडिअंडयमेत्ता कवला बत्तीस भोयणपमाणे । राएणाऽऽसायंतो संगारं करइ सचरित्तं ॥ ७३५ ॥ भुंजतो अमणुन्नं दोसेण8/ निर्ग्रन्थासधूमगं कुणइ चरणं । वेयणआयंकप्पमुहकारणा छच्च पत्तेयं ॥ ७३६ ॥ वेयण १ वेयावच्चे २ इयरिद्वाए य ३ संजमट्ठाए दीनि गा. ४। तह पाणवत्तियाए ५ छ8 पुण धम्मचिंताए ६॥ ७३७ ॥ आर्यके १ उवसग्गे २ तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु ३ । ७१९-४७ पाणिदया ४ तवहेऊ ५ सरीरवोच्छेयणट्ठाए ६ ॥ ७३८ ॥९५ द्वारम् ॥ ___ संसट्ठ १ मसंसट्ठा २ उद्धड ३ तह अप्पलेविया ४ चेव । उग्गहिया ५ पग्गहिया ६ उज्झियधम्मा ७ य सत्तमिया ॥ ७३९ ॥ तंमि य संसट्ठा हत्थमत्तएहिं इमा पढम मिक्खा १। तविवरीया बीया भिक्खा गिण्हंतयस्स भवे २॥७४०॥ नियजोएणं भोयणजायं उद्धरियमुद्धडा भिक्खा ३ । सा अप्पलेविया जा निल्लेवा वल्लचणगाई ४॥७४१॥ भोयणकाले | निहिया सरावपमुहेसु होइ उग्गहिया ५। पग्गहिया जं दाउं भुत्तुं व करेण असणाई ६ ॥७४२ ॥ भोयणजायं जं छड्डुणारिहं नेहयंति दुपयाई । अद्धच्चत्तं वा सा उज्झियधम्मा भवे भिक्खा ॥ ७४३ ॥ पाणेसणावि एवं नवरि चउत्थीऍ होइ नाणत्तं । सोवीरायामाई जमलेवाडत्ति समयुत्ती ॥ ७४४ ॥ ९६ द्वारम् ॥ उज्जु १ गंतुं पच्चागइया २ गोमुत्तिया ३ पयंगविही ४ । पेडा य ५ अद्धपेडा ६ अभितर ७ बाहिसंबुक्का ८॥७४५॥ ठाणा उज्जुगईए भिक्खंतो जाइ वलइ अनडंतो। पढमाए १ बीयाए पविसिय निस्सरइ भिक्खंतो २॥ ७४६ ॥ वामाओ दाहिणगिहे भिक्खिजइ दाहिणाओ वामंमि । जीए सा गोमुत्ती ३ अड्डवियड्डा पयंगविही ४॥ ७४७॥ चउदिसि सेणी K25*55****** Jain Education International For Private Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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