SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 540
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दससुण्ण पंच केसव पणसुण्णं केसि सुण्ण केसी य । दो सुण्ण केसवोऽवि य सुण्णदुर्ग केसव तिसुण्णं ॥ ४०९॥ जिनान्तसूत्रे चउत्थपंतिठवणा-उसहभरहाण दोण्हवि उच्चत्तं पंचधणुसए हुंति । अजियसगराण दोण्हवि उच्चत्तं चारि अद्धं च राणि ३५ ॥ ४१० ॥ पन्नासं पन्नासं धणुपरिहाणी जिणाण तेण परं । ता जाव पुप्फदंतो धणुसयमेगं भवे उच्चो ॥४११॥ नउइ ॥४७६॥ धणू सीयलस्स सेजंसतिविहुमाइणं पुरओ। जा धम्मपुरिससीहो उच्चत्तं तेसिमं होइ ॥ ४१२॥ कमसो असीइ सत्तरि सट्ठी पण्णास तह य पणयाला । एए हवंति धणुया बायालद्धं च मघवस्स ॥४१३ ॥ इगयालं धणु सद्धं च सणंकुमारस्स |चक्कवट्टिस्स । संतिस्स य चत्ताला कुंथुजिणिदस्स पणतीसा ॥४१४॥ तीस धणूणि अरस्स उ इगुतीसं पुरिसपुंडरीयस्स। अट्ठावीस सुभूमे छबीस धणूणि दत्तस्स ॥ ४१५ ॥ मल्लिस्स य पणुवीसा वीसं च धणूणि सुबए पउमे । नारायणस्स सोलस पनरस नमिनाहहरिसेणे ॥ ४१६ ॥ बारस जयनामस्स य नेमीकण्हाण दसधणुच्चत्तं । सत्तधणु बंभदत्तो नव हरयणीओ य पासस्स ॥ ४१७ ॥ वीरस्स सत्त रयणी उच्चत्तं भणियमाउअं अहुणा । पंचमघरयनिविटुं कमेण सबेसि वोच्छामि ॥ ४१८ ॥ उसहभरहाण दोण्हवि चुलसीई पुबसयसहस्साई । अजियसागराण दोण्हवि बावत्तरि सयसहस्साई ॥ ४१९॥ पुरओ जहक्कमेणं सट्ठी पण्णास चत्त तीसा य । वीसा दस दो चेव य लक्खेगो चेव पुवाणं ॥ ४२० ॥ सेजंसतिविद्वर्ण चुलसीई वाससयसहस्साई । पुरओ जिणकेसीणं धम्मो ता जाव तुल्लमिणं ॥ ४२१ ॥ कमसो बावत्तरि सट्ठि तीस दस चेव सयसहस्साई । मघवस्स चक्किणो पुण पंचेव य वासलक्खाई॥ ४२२ ॥ तिन्नि य सणकुमारे संतिस्स य ॥४७६॥ 18 वासलक्खमेगं तु । पंचाणउइ सहस्सा कुंथुस्सवि आउयं भणियं ॥ ४२३ ॥ चुलसीइ सहस्साई तु आउयं होइ अरजिणि-18 CAUSARSMSSESAME SIRSAGAR Jain Education International For Private Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy