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________________ eoe श्रीजन- २दाहिणणं जाव राई भवइ, जया णं भन्ते! जम्बुद्दीवे दीवे दाहिणद्धे अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवइ तया ७वक्षस्कारे द्वीपशा-19 उत्त० अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ जया णं उत्तरद्धे अट्ठार. भवइ तया णं जम्बुद्दीवे २ मंदर० पुरथिमेणं सूर्यादेरीन्तिचन्द्री- सातिरेगा दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ?, हता! गोअमा! जया णं जम्बुद्दीवे २ जाव राई भवइ, जया णं भंते ! जम्बु- शान्यादाया वृचिः हीवे २ मंदरस्स पुरथिमेणं अहारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं पच्चत्थि०, जया णं पञ्चत्थिमेणं तया णं बुद्गमादिः जम्बुद्दीवे दीवे मंदरस्स० उत्तरदाहिणेणं साइरेगा दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं एतेणं कमेणं ऊसारेअब, सत्तरस सू. १५० ॥४८॥ मुहत्ते दिवसे तेरसमुहुत्ता राई सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगतेरसमुहुत्ता राई सोलसमुहुत्ते दिवसे चोद्दसमुहुत्ता राई सोलसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगा चोद्दसमुहुत्ता राई पण्णरसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई पण्णरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगपण्णरसमुहुत्ता राई चोद्दसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहुत्ता राई चोद्दसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरे गसोलसमुहुत्ता राई भवइ तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगसत्तरसमुहुत्ता राई, 18 जया णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे दाहिणद्धे जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरद्धेवि, जया णं उत्तरद्धे० ४ तया णं जम्बुद्दीवे दीवे मंदरस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं उक्कोसिआ अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ ?, हंता! गोअमा! एवं | चेव उच्चारेअचं जाव राई भवइ, जया णं भंते! जम्बुद्दीवे २ मंदरपुरस्थिमेणं जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ8॥४८ | तया णं पच्चत्थिमेणवि. जया णं पञ्चत्थिमेणवि. तया णं जम्बुद्दीवे दीवे मंदरस्स उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिआ अट्ठा Jain Education International For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600088
Book TitleJambudwip Pragnapati Namak Mupangam Part_2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShantichandra Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1920
Total Pages332
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_jambudwipapragnapti
File Size16 MB
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