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सिरिसंतिनाहचरिए
एवं च तेहिं भणिया सा सीलसुंदरी करेड़ आयंबिलाइयं तवविसेसं, पढेइ जिणपवयणलेसं, विहेइ जिणपडिमाण पूर्य, उग्गाहए ताण पुरो पहाणधूयं, विहेइ तिक्कालं जिणवंदणं जं विहिज्रमाणं करेइ कम्मकंदनिक्कंदणं, देइ गुरूण पुरओ वंदrयं जं दिज्रमाणं करेइ नियचित्ताणंदणयं, पडिलाहए साहु- साहुणीवग्गं जं पडिलाहि माणं विहेइ सग्गाऽपवग्गं, तहा देइ दीणाऽणाहाईण दाणं, न य करेइ देंती नियाणं । तहा गिण्हए सामाइयं, न धरेइ चित्तम्मि कामाइयं, पडिक्कमेइ उभयकालियं, परिहरइ सुहलालियं, गिण्हए पव्वदिणेसु पोसह जं गिहिज्रमाणं हवइ संसारवाहिपरमोसहं, करेइ अणवरयं सज्झायं, मणयं पि न धरेइ चित्तम्मि दुज्झायं । किं बहुणा ? न खंडए मणयं पि धम्माऽणुट्ठाणं, अरं सव्वेपि काणं, तहा सुणेइ वक्खाणं, गिण्हए पच्चक्खाणं, न देइ कस्स वि अब्भक्खाणं, निरुंभए परमक्खाणं, चिटुए सया मज्झोवविट्ठा सहीणं दक्खाणं, देइ चित्तं सया सावयवयभंगयलक्खाणं, कहेइ नियसहीणं
क्खाणं ति । एवं च तीए सीलसुंदरीए विसेसधम्माणुडाणनिरयाए असेसविगहाविरयाए, पइदिणं सुहभावणाभावणपराए, पवसियपइयावेसधराए, परपुरिसाणं मणेणाऽवि नियत्ताए, नियपइभत्ताणुस्ताए सम्म १० परिभावियसंसारसरूवतत्ताए बोलीणो एत्तिओ कालो जाव समागयं तं दिणं । तत्थ सो पवणवेगो उवरिविमाणडिओ तं व विसेसेण निरूवेइ । सीलसुंदरी वि तम्मि दिणे गिहेगदेसविहियपोसहसालाए नियंसियसियसिचया
१. तिक्कालियं पा० विना ।। २. चित्ते कामा पा० विना ||
सावगस्स
सुद्दगस्स अक्खाणयं
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