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________________ गुणधम्मस्स कहायणं सिरिसंति- इओ य कहिँचि दिव्वनिओगेणं मंडवदरिसणकोउगेणेव निययसहीपरिवुडा समागया कणगवई । दिट्ठा य सा तेण, नाहचरिएतीए वि सचविओ एसो । ईसीसि कडक्खविक्खेवचलंतऽद्धच्छिपेच्छिएहिं विन्नाया य सा तेण दढं 'साणुराय' त्ति । वलिऊण य गया सा सरलाहिं सियासियाहिं साईकयाहिं सालसाहिं साणंदाहिं समयाहि दिट्ठीहिं पलोययंती । कुमारो वि निग्गंतूण गओ निययावासे । तओ गयाए जाममेत्ताए रयणीए समागया एगा दासचेडी परियरिया परिणयवया इत्थिया, 'कुमारीपेसिय'त्ति पडिहारेण निवेइया, 'लहुं पवेसह' त्ति कुमारेण भणिया पविट्ठा एसा । समप्पिया य कुमारस्स तीए चित्तवट्टिया । पलोइया य कुमारेण जाव दिट्ठा तत्थ लिहिया एगा कलहंसिया, लिहिया य तीए हेटुओ इमा दुवई, अवि य"पढमदिटुपियदंसणदढमणुरायरत्तिया, पुणु अदिटुनाह एसेव य खिज्जइ अइसुभत्तिया । इच्छइ पुण वि झत्ति तइंसणमियमचंततत्तिया, पेच्छ पेच्छ कलहंसिणि किल एसा निरुत्तिया" ॥७॥४९०७॥ ____ तओ दटुण, वाइऊण य तं दुवई, मग्गिऊण य पट्टियासमुग्गयं तीए चेव पुरओ तारिसो चेव आलिहिओ १० कलहंसो, लिहिया य तस्स हेटुओ इमा गाहा, अवि य- . "एसो वि य कलहंसो खणदिटुऽदसणेण अणुरत्तो । इच्छइ पियाए समयं निरंतरं दंसणं सिग्धं" ॥८॥४९०८॥ ५८२ १. खिजए जे० ॥ २. °व लिहिओ पा० ।।
SR No.600084
Book TitleSiri Santinaha Chariyam
Original Sutra AuthorDevchandasuri
AuthorDharmadhurandharsuri
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year1996
Total Pages1016
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size17 MB
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