________________
कल्प.
॥४४३॥
0000000000
10000000000000000000000000000000000000000000000000
श्रीसंभवनाथना निर्वाण पछी दश लाख कोडी सागरोपमें श्रीअभिनंदननिर्वाणं, तिवारपछी त्रण वर्ष || अन्तराणि साडाआठ मास बेतालीस हजार वर्ष ओछां एवा दश लाख कोडी सागरोपमें श्रीवीरनिर्वाणं, तेवारपछी नवसो । एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ ३
श्रीअजितनाथना निर्वाणथी त्रीस लाख सागरोपमें श्रीसंभवनाथनिर्वाणं, तेवारपछी त्रण वर्ष साडाआठ मास तथा बैंतालीस हजार वर्ष ओछां एवा दश लाख कोडी सागरोपमें श्रीवीरनिर्वाणं, तेवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ २
श्रीऋषभना निर्वाणथी पचास लाख कोडि सागरोपमें श्रीअजितनिर्वाणं, तेवारपछी त्रण वर्ष साडा आठ मास बैंतालीस हजार वर्ष ओछां, एवा पचास लाख कोड सागरोपमें श्रीमहावीरनिर्वाण, तेवारपछी नवसो एंसी
पुस्तकवाचनादि ।।
1.06oroerror
||४४३।
Jain Education in
For Private & Personel Use Only
T
w.jainelibrary.org