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________________ X404CAUSASSASSASSANAXHUX*EASTA तीसे तिसलाए खत्तियाणीए अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पजित्था-हडे मे से गब्भे, गर्भहरमडे मे से गन्भे, चुए मे से गब्भे, गलिए मे से गब्भे, एस मे गम्भे पुविं एयइ, णादिचि ६ इयाणिं नो एयइत्तिकडे ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरसंपविट्ठा करयलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया भूमीगयदिट्ठिया झियायइ, तंपि य सिद्धत्थरायवरभवणं उवरयमुइंगतंतीहै तलतालनाडइज्जजणमणुजं दीणविमणं विहरइ ॥ ९२ ॥ तए णं से समणे भगवं महावीरे है माऊए अयमेयारूवं अब्भत्थि पत्थिअंमणोगयं संकप्पं समुप्पन्नं वियाणित्ता एगदेसेणं एयइ, तए णं सा तिसला खत्तियाणी हट्ठतुट्ठा जाव हयहिअया एवं वयासी ॥९३ ॥-नो खलु मे गब्भे हडे जाव नो गलिए, मे गब्भे पुविं नो एयइ, इयाणिं एयइत्तिकटु हट्ट ।। जाव एवं विहरइ, तए णं समणे भगवं महावीरे गब्भत्थे चेव इमेयारूवं अभिग्गहं अभि-11 गिण्हइ-नो खलु मे कप्पइ अम्मापिऊहिं जीवंतेहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारि पवइत्तए ॥ ९४ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी ण्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगल १नं सु०। कल्पसू.५ Jan Education For Private Personel Use Only T elibrary.org
SR No.600077
Book TitleKalpasutram Barsasutram Sachitram
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorMeghsuriji
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1933
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size21 MB
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