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श्रीआवश्यकमलयगिरीयवृत्तौ नम
स्कारे
॥५३२॥
CHORUS
दिटुं मक्कोडाण ठामं, अग्गि छुहित्ता समूलं उच्छेदियं, चाणकण दिट्ठो, रण्यो निवेदितो, रण्णा सहावित्सा आरक्खत्तं दिन्नं, पारिणामिवीसस्था कया तेण सधे चोरा, अन्नया भत्तदाणेण वीसासेऊण सकुडंबा मारिया ॥ एगत्थ गामे किल तिदंडिणा भिक्खा न । क्याः उदालद्धा, तत्थ आणा दिन्ना, अंबगेहिं वंसी परिखेत्तवा, तेहिं विवरीयं कयं,सीहिं अंबमा परिक्खित्ता, ततो रट्ठो पलीवितो सबो
हरणानि गामो ॥ ततो कोसनिमित्तं परिणामिया बुद्धी पयहिया, सोवण्णं थालं दीणाराण भरियं, कूडपासेहिं जूयं रमइ, जो जिणइ तस्स एयं, अह अहं जिणामि एक्को दीणारो दायबो, अइचिरंति अन्नं उवायं चिंतेइ, नगरप्पहाणाण भत्तं देइ, मजपाणं च, मत्तेसु पणच्चितो भणइ-दो मज्झ धाउरत्ताउ कंचणकुंडिया तिदंडं च, राया मे वसवत्ती एत्थवि ता मे होलं वाएहि 8 ॥१॥ एवं भणिए अन्नो असहमाणो भणइ-गयपोयगस्स मत्तस्स उप्पइयस्स जोयणसहस्सं । पए पए सयसहस्सं एल्थविता मे होलं वाएहि ॥२॥ अण्णो भणति-तिलआढगस्स उत्तस्स निष्फन्नस्स बहुसइयस्स ।तिले तिले सयसहस्सं एस्थवि ता मे होलं वाएहि ॥ ३ ॥ अन्नो भणइ-नवपाउसंमि पुण्णाए गिरिनदीए सिग्धवेगाए । एमाहियमेत्तेणं नवणीएण पालि18 बंधामि, एत्थवि ता मे होलं वाएहि ॥ ४॥ अन्नो भणइ-जच्चाण नवकिसोराण तदिवसे जायमेत्ताण । केसेहिं नहं छाएमि
एथवि ता मे होलं वाएहि ॥५॥ अन्नो भणइ, दो मज्झ अस्थि रयणाणि सालिपसूई अ गद्दभिआ य ।छिपणा छिण्णा द रहइ एत्थवि ता मे होलं वाएहि ॥६॥ अन्नो भणइ-सइ सुकिलनिच्चसुगंधो भज अणुषय नत्थि पवासो। निरिणो दुपंचस-४ ॥५३२॥
इतो, एत्थवि ता मे होलं वाएहि ॥७॥ एवं नाऊण रयणाणि मग्गियाणि, सालीणं कोडागाराणि भरियाणि, आसा एग-1 कदिवसजाया मग्गिया, एगदिवसियं नवणीयं मग्गियं, एसा पारिणामिया चाणकस्स बुद्धी ॥ थूलभदसामिस्स पारिणा-12
SSRUSSISSATGASUS
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