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पूज्यपाद आचार्य श्रीविजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराजनी आज्ञाथी मुनिराज श्रीचरणविजयजी महाराजे प्राचीन हस्तलिखित ताडपत्रादि प्रतोना आधारे आ ग्रंथनुं संशोधन कार्य महान् परिश्रमवडे हाथ धर्यु छे जे माटे अमो तेओश्रीना आभारी छिए.
प्रस्तुत त्रिषष्टि ना आ नूतन विशिष्ट संस्करण माटे श्रीयुत डॉक्टर हीरानन्द शास्त्री M. A. M. O. L. D. LITT महाशये इंग्लिशमां ग्रन्थनी गौरवता उपयोगितादि दर्शावनाएं एक सुंदर प्राक्कथन ( Foreword) लखी ग्रन्थनी शोभामां वधारो कर्यो छे. तेथी आ सभा डॉक्टर महाशयनो अन्तःकरणथी उपकार माने छे.
प्रस्तुत ग्रंथनी विशेष हकीकत मुनिराज श्रीचरणविजयजी महाराज पोतानी विस्तृत प्रस्तावनामां आपवाना होवाथी आटलं निवेदन करी विरमीए छिए.
सेवक,
गांधी वल्लभदास त्रिभुवनदास,
सेक्रेटरी
श्रीजैन आत्मानंदसभा, भावनगर,
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