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________________ C45 4% श्रावकप्रतिमानां वर्णनम् %AE भावकधर्म- आगमगहणे य लोयकरणे य । उत्तरपारणगंमि य दाहामी एवमाईया ॥ १३ ॥" तहा पडिमाओ-दसणवयमामाइयादओ पश्चाशक- एक्कारस, आइसदाउ अणिचाइवारसभावणाओ घेप्पंति, तत्थ पडिमाओ इमाओचूर्णिः । दसणवयसामाइयपोसहपडिमा अबंभसच्चित्ते । आरंभपेसउद्दिट्ठवजए समणभूए य ॥१॥ एइए इमो अत्थो-दसणत्ति- सूयगं सुत्तं 'त्तिकाउं दंसणपडिमा, एवमन्नत्थवि, तत्थ दसणं-संमईसणं तस्स पडिमा॥ ११९॥ पइन्ना दसणपडिमा, एसा पुण संकाकंखाइसम्मत्ताइयारविरहिया रायाभियोगाइसवागारविवजिया, अच्चत्थं पसमसंवेगाइलिंगाणुगया जहट्ठियदंसणायारपरिपालणभुवगमरूवा नायवा, भणियं च-"संकाइदोसविरहिय सम्मइंसणजुओ उ जो जंतु | सेसगुणविप्पमुको एसा खलु होइ पढमा उ ॥ १॥" सेसगुणा-अणुव्वयगुणवयादयो तेहिं विप्पमुक्को वि, भणियं च दसासुयक्खंधे-" तस्स णं पहुई सीलव्यगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाई नो सम्म पढवियाई भवंति" तत्थ सील-सामाइयं देसावगासियं पोसहोववासो अतिहिसंविभागो य, वयाणि-पंचाणुवयाणि, गुणा इति तिन्नि गुणवयाणि, वेरमणाणि-रागाइविरइविसेसा, पञ्चक्खाणाणि नमोकारसहियाईणि, पोसहो चउचिहो आहाराई ४ । इह च पडिमापडि वंताण अमेयाउ कत्थइ पडिमागहणं कत्थय पडिमावंतगहणं नायवं । कालमाणं च एईए उवासगदसाभिप्पाएण एगो मासो १ । वयत्ति वयपडिमा, एईए सरूवमिदं-"दंमणपडिमाजुत्तो पालंतोऽणुब्बए निरइयारे । अणुकंपाइगुणजुओ जीवो इह होइ वयपडिमा ॥१॥" किंच-"बंधाइ असक्किरिया संतेसु इमेसु पहवइ न पायं । अणुकंपधम्मसवणाइया उ पहवइ Pविसेसेणं ॥१॥" पायोगहणाउ पमायाइणा होजावि, विसेसेणंति दसणपडिमावेइखाए वयमेत्तावेक्खाए वा अइसएण, %ASACSCRI ॥ ११९॥ Jain Education For Private Personel Use Only Jaw.jainelibrary.org
SR No.600057
Book TitleAdya Panchashaka Curni
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorYashodevsuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1952
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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