SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीमन्महाभारतम् :: श्लोकानुक्रमणी २८५ ततो बहुतरंभीरुविलप्य (आश्व) ८०.१ ततो बृहस्पतिस्तस्मै (शांति) १२४.२२ ततोऽबवीन्महाराज (भीष्म) १०७५२ ततो भगवता तस्य शिर (आ) १६.६ ततो भास्करवर्णाभम (कर्ण) १३.३४ ततो बहुधनं रम्यं (सभा) ३२.४ ततोऽब्रवीत्कुण्डधारो (शांति) २७१.४३ ततोब्रवीन्महाराज: (वन) ७६.४८ ततो भगवतो वन्हें विकार:(आ)२२३.६७ ततोभिगम्य कौन्तेयः (वन) ४३.१६ ततो बाणमयं जाल (कर्ण) २४.२१ ततोऽब्रवीत्तव सुत: (भीष्म) ११७.२६ ततोऽब्रवीन्मा याचन्तम (कर्ण) ४२.४७ ततो भयं प्रादुरापीत् (शांति) १२४.५८ ततोऽभिगम्य तीर्थानि (वन) २६४.२ ततो बाणमयं जाल (द्रोण) १३१.५ ततोब्रवीत्सत्यधति: (सभा) ४६.५ ततो ब्रह्मर्षयः सर्वसिद्धा (वन) २७६.१ ततो भरतादूल (उद्योग) १८४.६ ततोऽभिजग्मुः पञ्चालान्(आ) १३८.५ ततो बाणमयं वर्ष (उद्योग) १८४.३ तताऽब्रवीदभीममूदार (वन) १३६.१६ ततो ब्रह्मर्षिवंशेषु (आ) ६५.४ ततो भयंश्च वेश्यश्च (भीष्म) ४३.८ ततोभित्त्वैव गगनं (शांति) ३६२.१६ ततो बाणमयं वर्ष (द्रोण) २००४० ततोऽब्रवीन्मद्रराजो (कर्ण) १०.२५ ततो ब्रह्मसरो गत्वा (वन) ८४.८५ ततो भल्लेन महता (विरा) ६४.८ ततोऽभिपततां तेषां (वन) २८५.२ ततो बाणमयं वर्ष (वन) १७.१४ ततोऽब्रवीन्मन्त्रविदस्तान (आ) ५१.६ ततो ब्रह्माणमसृजद्धिर(शांति) ३११.३ ततोऽभवत्तम इव प्रकाश(वन) २०.३६ ततोऽभिपततां तेषां (वन) २८५.४ ततो बाण सहस्राणि (द्रोण) १३६.२२ ततोऽब्रवीन्मयः पार्थ (सभा) १.२ ततो ब्रह्माणमासीनं (वन) १४२.५० ततोऽभवत्तमो घोरं (शल्य) २३.५० ततोभिपीडितगात्रैः (वन) ३६.६२ ततो बाणान्बहुविधान् (वन) १६.१४ ततोऽब्रवीन्महातेजा (आश्रम) ३.८६ ततो ब्रह्माणमासीनं देवा (आ)१८.२१ ततोऽभवत्ति मिरघनै (द्रोण) १५५.४६ ततोऽभिपूज्य मनसा (द्रोण) ८१.३ ततो बाणांश्चतुः पष्टि (कर्ण) २३.१२ ततोऽब्रवीन महातेजा (आश्रम) १८.४ ततो वह्मा तुगाः प्रायम(अन) ८१.१४ ततो भवत्यपक्रान्ते (शांति। १३८.६६ ततोऽभिमन्यः पृथिवी (वन) १२०.२१ ततो बाण रावणोदंत (द्रोण) १७९४४ ततोब्रवीन्महातेजाः (सभा) ४६.२१ ततो ब्रह्मा नमश्चक्र (शाति) ३४८.३० ततोऽभवद्यु दमतीव (वन) ५२.२८ ततोऽभिमन्युः प्रहसन (द्रोण) ३६.५ ततो बालेन तेनास्यं (वन) १८८.१७० ततोऽब्रवीन्महात्मा स (विरा) ६८.३७ ततो ब्रह्मा महासन (वन) २३१.८ ततो भवन्तमद्राक्ष (वन) १७४.१० ततोऽभिमन्युः संक्रुद्ध (द्रोण) ३७.२० ततो बालेन तेनेवमुक्तस्य(वन)१८८.६६ ततोऽब्रवीन्महात्मानं (शल्य) ५०.५४ ततो ब्रह्मा स्वयं गत्वा (वन) २७५.२१ ततोऽभवन्महाराज (द्रोण) १२५११ ततोऽभिरूपान भीष्माय(आश्रम) १४.२ ततो बाष्पाकुलां वाचं (बन) ५६.१८ ततोऽब्रवीन्महादेवो (अनु) ८५.११६ ततो ब्राह्मणतां यातो (अन) ४.४८ ततोऽभवन्महाशब्दो (द्रोण) १६.३६ ततोभिवादयामास प्रयत: (वन) ७७.२ ततो बाहू स्वमुत्क्षिप्य (सभा) ६८.५८ ततोऽब्रवीन्महादेवो (कर्ण) ३४.१४ ततो ब्राह्मणरूपेण (अनु) १२.२८ ततो भवन्सुरगणा: सहसा (आ) ६६.५ ततोऽभिवाद्य चरणो(उद्योग) १७७.२४ ततो बाह्वोर्लल टि च (कर्ण) ४६.४६ ततोऽब्रवीन्महाबाह (उद्योग) १३१.१६ ततो ब्राह्मणवेषेण मानुषं (अनु) ५१२ ततो भागानुभागेन देव (वन) २७६.८ ततोऽभिवाद्य जननी (आ) १२६.३० ततो बुद्धया व्यगणय देव (शल्य) ५०.५३ ततोऽब्रवीन्महाराज: (आ) १३४.४ ततोऽज वन् कुरवः (द्रोण) १७६.४८ ततो भागीकृतो देवैर्वज(आ) १७०.५१ ततोभिवाद्य तं विप्र' (आ) २१७.१२ ततो बुद्धिमुपागम्य (शांति) २८१.२८ ततोऽब्रवीन्महाबाह (उद्योग) १३१.३६ ततोऽव वन्देवगणाः (अनु) ८५.१२१ ततो भागीरथीतीरात (आश्व) १९.८ ततोऽभिवाद्य तमृषि (वन) ६६.१३ ततो बृहन्तस्वरितो बलेन (सभा) २७.७ ततोऽअवीन्महाबाहु (द्रोण) १२५.७५ ततोऽत्र वन्लोकगुरू (आ) १९७.४ ततो भागीरथीतीरे (आश्रम) १६.१ ततोऽभिवाद्य तान् (वन) २६६.६ ततो बृहस्पति शक्रः (शांति) १२४.२१ ततोऽब्रवीन्महाराज (आश्रम) ५.५ ततो भक्षयतस्तस्य (आ) ४३.३१ ततो भारत ऋद्धन तव (कर्ण) २३.३ ततोऽभिवाद्य पितरं (स्त्री) १२.११ For Private Personel Use Only www.alinelibrary.org Jain Education Intersalon
SR No.600055
Book TitleMahabharatam
Original Sutra AuthorNagsharan Sinh
Author
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1992
Total Pages840
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy