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________________ श्रीमन्महाभारतम् : श्लोकानुक्रमणी २८६ तनोऽभिविद्धः समरावम(विरा)५४.३२ ततो भीमो महाबाहुः (द्रोण) १३४.१० तसो भीष्मविनिमुक्ता(भीष्म) ७२.२२ ततो भूयो महाराज (शल्प) २८५८ ततोऽध्ययान्महारौद्रो(शांति) ११६.१६ ततोभिषचनीयेहि (सभा) ३६.१ ततो भीमो महाबाह (द्रोण) १३६.११ ततो भीष्मः शरानष्टौ (विरा) ६४.६ ततो भूरिश्रवा: क्रुद्धः (द्रोण) १४२५१ ततोऽभ्यान्महावीयों(शांति) ११६.११ ततोऽभिषिक्ते राजेन्द्र (कर्ण) १०.४८ ततो भीमो महाबाहः (द्रोण) १३६.३५ ततो भीष्मः शान्तनवो (भीष्म)४६.५० ततो भूरिश्रवा नाज (भीम) ६४.१ ततोऽभ्यवहदव्याने (विरा) ५५.६० ततोऽभिषिच: प्रीत्या वन) २६.११ ततो भीमो महाबाह द्रोण) १३६.५६ ततो भीष्मः शान्तनबो (सभा) ३६.२७ ततो भेरीश्च शङ्खाश्च (उद्योग)१५६२० ततोऽभ्याशगते कृष्ण (उद्यो) ६४.३० ततोऽभिषिच्य राज्येन (शांति)२९४.१६ ततो भीमो महाबाहः द्रोण) १३६५९ ततो भीष्मश्च द्रोणश्च (भीष्म ५१.१० ततो भेरीसहस्राणि (द्रोण) १७८३४ ततऽभ्येत्य हयं वीरो (आश्व) ७९.१७ ततोऽभिषेकसंभारान् (शल्प) ४५.१ ततो भीमो महाबाहः (द्रोण) १४६.५२ ततो भीष्मश्व द्रो गश्च (भीष्म ५७.३१ ततो भोजो नरव्याघ्रो (द्रोण) ६२.१८ ततोऽभ्रशिखराकारगिरि (आ) १८.१ ततोऽभिसृत्य तैविप्रः (वन) २६८.६ ततो भीमो महााह (भीष्म) ५३.३५ ततो भीष्मश्च गजा(भीष्म) ११४.३८ ततो भोज्यं च भक्ष्यं च (मौ) ३८ ततोऽभ्रान्ते रथे तिष्ठन् (उद्योग)१८२.२ ततो भीतः कलिः क्षिप्र (वन)७२.३८ तोलीमा महाबाद (भीष्म) ५४.६५ ततो भोप्यादयः सवं उद्योग) ५४.११ ततोभ्यगच्छतकोरलय (आ) २१८.४ ततो मचक्रुकं नाम द्वारपाल(वन)८३.६ तता मापवला भामा (शल्य ३३३१ ततो भीमो मार (भीम) ५७७ नोभीमो विमो७ि .२८ ततोगत्सरसा (आ) 12.00 AM ततो भीम महाराज (वन) ६.३२ ततो भीमो महाबाह (वन) ११३१ ततो भीष्मोनबीटा अन्(सभा) ३६.२२ ततोऽभ्यगच्छन्नहिताः (वन) १०४.२२ । ततो भीमः शनभुक्त्वा (आ) १६३.१७ ततो भीमो महाराज (द्रोण) १६६.५६ ततो भीष्मो महाबाहुः (भीष्म) ४६.३५ ततोऽभ्यधावतां तूर्ण (शल्य) १०.२३ तता मद्राधिपः कुबः (प्राण) १७.३३ ततो भीमः समुत्क्षिप्य (आ) १६०.२८ ततो भीमो महेष्वासः(भीष्म) ११४.२३ ततो भीष्यो महाबाहः (भीष्म) ७३.४२ ततोऽभ्यधावतां वीराभवी(वन)२७१.५५ ततो मद्राधिप दृष्ट्वा (द्रोण) १५.३४ ततो भीमस्ता राजन् (सभा) २६.१६ तती भीमो रणे क्रुद्धो (भीष्म) ८६.२६ ततो भीष्मो महास्त्राणि भीष्म) ६६.१४ ततोऽभ्यधावस्तारिताः (शल्य) २३.८६ ततो मद्राधिपं द्रोणि (शल्य) १६.६६ ततो भीमस्तदा नागः (बा) १२८.७० ततो भीमा हतं मत्वा(दाण) १६६.५६ तोकामांट ततोऽभ्यनुज्ञाप्य धनेश्वर(वन) १४४.२७ तता मद्राधिपरष (भाम) १२.११ ततो भीमस्तमादाय (बा) १६४७ ततो भीष्मः कुरुष्ठ(भीष्म) ५६५१ ततो भजाभ्यां बलवद(भीम ५६.११३ ततोऽभ्यनुज्ञां संप्राप्य (अनु) १७.१५६ तता द्राधिपा दृष्ट्वा (कण) २०.४८ ततो भोमत्रिभिविवा(भीष्म )४७.३४ ततो भीष्म निहन्तार (सौप्तिक) ८.६३ ततो भतानिकायास्तां (द्रोण) ६६.१६ ततोभ्यनशा संप्राध्य (सभा) १०.३८ ततो मद्र श्वरं राजा (भीष्म) ४५३० ततो भीमः स्मरन् (द्रोण) १३२.१२ ततो भीष्म पुरस्कृत्य (भीष्म) ४७.६४ ततो भूतान्यन्तरिक्षस्थि(कर्ण) १०.११ ततोऽभ्यनुज्ञाय नपान् (द्रोण) ७८४ ततो मध्यमकक्षायां (वन) ७३.१७ ततो भीमात्मजं रक्षो(ब्रोण) १५६.१६६ ततो भीष्म शान्तनवं (आ) १०२.४२ ततोऽभूत्तमुलं युद्ध (द्रोण) १८८.१२ ततोम्यक्ष्यत कृष्णो (आव) ५२.१ ततो मध्यस्थता नाता(शांति) १५३.६४ ततो भीमो दृढ़क्रोधो (द्रोण) १९२.३६ ततो भीष्मं शान्तनव (आ) १४३.१२ ततो भूयिष्ठश: पौरा (वन) १२.२५ ततोऽपयाद् सत्वरितो (द्रोण , १४.५१ ततो मध्ये नरेन्द्राणा(शत्त्य) ६०.४ ततो भीमो महाबाहुः (कर्ण) ५१.३१ ततो भीष्मरथात् तूर्ण(भीष्म) ४६.४१ ततो भूयो जनत्सर्व (शांति) ३३६७२ ततोऽध्ययादेवराजो (शांति) १७३.६ ततो मनसि संगृह्य (शांति) १६५.८ For Personal use by
SR No.600055
Book TitleMahabharatam
Original Sutra AuthorNagsharan Sinh
Author
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1992
Total Pages840
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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