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बोमन्महाभारतम् : : श्लोकानुगमगी
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ततोऽन्तरिक्षेऽप्सरसो (आ) १००.६८ ततोऽन्योन्यं प्रधावन्तः (भीष्म) ६६.२१ ततोऽपरे तत्प्रतिमा (कर्ण) १८.२१ ततोऽपश्यं महाराक (वन) २१.२२ ततोऽब्रवीद्भगवान् (आ) १९८.५ ततोऽन्तरिक्ष वागासीत (वन) २६१.२६ ततोऽन्योन्यवक्षन्त (आ) १३१.१६ ततोऽपरे भान्ति लोकाः(अनु) १०२.२६ ततोऽपश्यस्तस्य सैन्यस्य (वन)२६६.२५ ततोऽब्रवीद्यमो धीमान् (अनु) ७१.३८ ततोन्तरिक्ष विष्ठभ्य (वन) ५४.३० ततोऽन्योन्येन ते सैन्ये (द्रोण) १७.४६ ततोऽपरे भान्ति लोका(अन) १०२.३२ ततोऽपि द्वादशे वर्षे स (आ) १७७.४७ ततोऽब्रवीद्वसिष्ठस्ते (अनु) ४.४४ ततोऽन्धकारं प्रणुदन्नुद (विरा) ३३.२ ततोऽन्यो व्यवहारोऽयं (शांति)१२१.५६ ततोऽपरे भान्ति लोका:(अन) १०२.३५ ततोऽप्रीतस्तयोक्त: (द्रोण) ३३.१० ततोऽब्रवीद्वायुसुतः (वन) १७६.६ ततोऽन्नं जायते विप्र (अन) ६५.२२ ततोऽन्चौविशिखे (द्रोण) १५६.१४६ ततोऽपरे महावीर्याः (वन) १७०.३ ततोऽब्रवीच्छान्तनवः (भीष्म) ६४.४० ततोऽब्रवीद्वासुदेवं बचो (आ) २२०.२५ ततोऽग्नेन विशेषेण (अनु) ६७.१८ ततोऽन्वधावद्वाष्र्णेयं (उद्योग) १५८.१२
ततोऽपरे सुबहवो (कर्ण) ६५.१२ ततोरनवोत्कलिः शकं (बन) ५८.३ ततोऽब्रवीद्वासुदेवो (आ) १९१.२० ततोऽन्यद्रौणिरादाय (द्रोण) १५६.१३१ ततोऽन्वशासच्चतुरः (विराट) ६६.१६ ततोऽपरैरवार्यन्त (वन) २४१.६ ततोऽब्रवीत्तदा द्रोणं (आ) १३१.२६ ततोऽब्रवीद्वासुदेवो (आ) २०७.६ ततोऽन्यथा कृच्छगता (आश्व) ७८.१२ ततोऽपतद्रयात्तूर्णं (द्रोण) १२२.४१
१२२.१
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ततोऽपरस्त्रिभिर्भल्लैः (शल्य) १४.३५ ततोऽब्रवीत्तां प्रसभं (सभा) ६७.३३ ततोऽब्रवीद्वासुदेवो (द्रोण) ११.३० ततोऽन्यदनुरादाय (उद्योग) १७६.३२
ततोऽपश्यत चीराणि (शांति) २७१.३१ ततोऽब्रवीत् पुनोण: (उद्योग) १६८.८ ततोऽब्रवीश्रवणो राजानं (शांति)७४.१६ ततोऽन्यदनुरादाय (द्रोण) १६७.४ ततोऽपर बनाद्दश (अनु) १६.५७ ततोऽपश्यत त्रिदशान (वन) ३०६.२१ ततोऽब्रवीत्पुनमत्युः (शांति) २५८.२६ ततो बघ्वांगुलित्राणा (आ) १३४.२३ ततोऽन्यद्धनुरादाब (शल्य) २६.२४ ततो परस्मिन्संप्राप्ते(आ) ४०.१०
ततोऽपश्यत्पितरं (उद्योग) १८५.६ ततोऽब्रवीत् प्रीतमना(उद्योग)१०३.२५ ततो बवालतापाशः (बा) १२८.५४ ततोन्यवर्तत बलं ताबक (शल्य) ६.४२ ततो परान्पञ्चशतान् (शल्य) २०.१५ ततोऽपश्यत्स कामं च(शांति )२७१.४७ ततोऽब्रवीत् प्रीतमना (विरा) ३४.६ ततो बहिणवाजानाम (भीष्म)११४.२४ ततोऽन्यवृत्तमात्मानं (स्त्री) १३.८ ततोपरान्सुतीक्ष्णापा (कर्ण) २०.२२ ततोऽपश्यत्स पितरं (आ) २६.७ ततोऽब्रवीत्सकैकेयान् (द्रोण) १६०.१६ ततो बलमतिख्यातं (आ) १२८.२५ ततोऽन्यस्मिन्वनोद शे (अनु) ५४.२० ततोपराह्ण यास्यामो (विरा) ६७.१६ ततोऽपश्यत्सुविस्तीर्ण (शांति) १४६.४ ततोऽब्रवीत् सत्यधृतिः (वन) ३१२.६ ततो बलमतिख्यातं (आ) १३६.२७ ततोऽन्यान् षट् (भीष्म) ४७.६१ ततोऽपरेण ज्वलनार्क (शल्य) १७.३२४ ततोऽपश्यद्विदुरं तूर्णमारा वन) ५.७ ततोऽब्रवीत्सागरगा (उद्योग) १८६.३४ ततो बलानि सर्वाणि(शल्य) ८.५
ततोऽपरेण भल्लेन (कर्ण) १४.१४ ततोअश्यन्महात्मा स (कर्ण) ६३.५१ ततोऽब्रवीत् स्वयं द्रोण: (द्रोण) ६१.३३ ततो बलेन महता (आ) ११२.१२ ततोऽन्ये च चतुर्वेद (वन) १४६.२८ ततोऽवरेण भल्लेन (द्रोण) १६२.१८ ततोऽअश्यं जामदग्न्यं (उद्योग) १७६.६ ततोऽब्रवोद्गौतमस्तं (शांति)१७०.१० ततो बलेन महता (भीष्म) ६६.३२ सतोऽग्ने बहुसाहस्रा (उद्योग) ६४.२३ ततोऽपरेण भल्लेन (भीष्म) ७२,२५ ततोऽपश्यं त्रिशिरसं (वन) १७३.४३ ततोऽब्रवीद्दशग्रीवः (वन) २८६.२२ ततो बले भशललिते (द्रोण) ३२.८० ततोऽन्येभ्योनुरूपेभ्यः (आ) १.१०५ ततोऽअरेण भल्लेन (शल्य) २१.२५ ततोऽरश्यं दिविष्ठान् (उद्योग) १८५.५ ततोऽब्रवीद्देवराजः पार्थम(वन) ४१.४२ ततो बले भृशलुलिते (दोण) १५५.४३ ततोऽन्ये शतशः पश्चात् (उद्योग)१६६.३४ ततोपरेण भल्लेन (शल्य) २६.१६ ततोऽरश्यं पतितो (उद्योग) १८२.१२ ततोऽब्रवीद्धनाध्यक्ष (वन) १६२.२६ ततो बष्ठोऽस्थिदिन्या (द्रोण) २५.५० For Private Personel Use Only
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