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॥ श्रीजिनाय नमः॥ ॥ श्रीप्रश्नचिंतामणिः ॥ ( कर्ता-श्रीवीरविजयजी)
उपावी प्रसिछ करनार पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज (जामनगरवाव्य ) वीरसंवत-२४३५. विक्रमसंवत्-१ए७०. सने–१५१३.
किं रु.-३-6-0
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