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________________ www.jainelibrary.org मामा- सी सीता सासीकासमीरसंहिता वाले किन यता नि साई सुझानात् ।पाद 12फवानिशानातिनाति च पासिलियामारिका क्षितिगानिरातिकम पानसुतविकतामा । मिया पुणविनीजसो मारी विभूमीतिर ना मला नीति का जानाधने वापसीना पर सिकाशिमिता शुनिस्सी विनायकी स्वीर यादी नीव पुनीना फुटा। मापने बड़े परभित्री मा अनिलरी, भरपर्श विनापि न भावनिम्मानित हो । भारतात भोज्यं मितशिवाजा बाली सं रोसने वह तामवाने बीडदि पनम् ॥७॥ र दियसरी सोहर उतरति । अस्मेसिवितासन क्षणं मला लुतावाऽस्य (52 इति वानवा शोनुवा सोऽयं सरसोऽन्तोजनाम्। विंश विशास्त्रीको विजयानोभितानि । (सोम र अाले । सलीन माह । सौर व १ मा मानि। विना विधि१४. प्रासादिक खाना पनि शांति अनि । बाजा गीत गाती । की एक किस्सा, पनि ति की कार्य अगा-पुता हात दोन विका विशिष्ट शासन लगा । नीला-निलामीवी गीत। की चाहदि संशोधन नया रो गयी थी का सा ग १ ला ला १०. For Private & Personal Use Only Provi
SR No.600051
Book TitlePundarik Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMohanlal Girdharlal Shah Bhavnagar
Publication Year1924
Total Pages318
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationManuscript
File Size15 MB
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