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________________ महारो नत्रीजोये.॥धा अने महारी माताना पतिनो नाई, माटे महारो काको लागे.॥५॥ अने महारी शोक्यना पुत्रनो पुत्र , माटे महारो पोत्रो लागे . ! |॥६॥-ए प्रकारे बालकनी संघाथे पोताना उ संबंध देखामीने, वली कहती हवी. जेआबालकनो पिता , ते महारे एक मातापणा यकीनाई, एटले तेनी अने महारी एक माता , माटे ना थाय . ॥१॥अने महारी मातानो नरतारथ यो, तेथी महारो पिता पाय . ॥२॥ अने महारा काकानो पिता अयो, तेथीम हारो वमानन अयो. ॥३॥ अने प्रथम मने परण्यो , माटे महारोजरतार थाय ॥॥अने महारी शोक्यनो पुत्र श्राय डे, माटे महारो पुत्र पण थाय ने ॥५ अने महारा दीयरनो पिता थाय, माटे महारो ससरो ने ॥६॥-ए प्रकारे वा लकना पिता कुबेरदत्तनी साथे पोताना उ संबंध कहीने, वली कहेती हवी. जे आ बालकनी माता , ते मने पण जणनारी , माटे महारी पण माता ॥ ॥अने महारा काकानी माता , तेथी महारी दादी लागे ने ॥शा अने महारा नाश्नी स्त्री यश, तेथी महारी नोजाइ श्राय ॥३॥ अने महारी शोक्यना KXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600048
Book TitleVairagyashatakama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamchandra D Shastri
PublisherRamchandra D Shastri
Publication Year
Total Pages270
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationManuscript
File Size14 MB
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