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उपदेश-14करि पावह तणन दंग पावित इह खोयहिं सो अखंग ॥ ७॥ करचरखनह अंगुखि समिय जास कदमि जिम गडियममालिका
बुडुनास । अश्घरहरसद्द महारउद्द रूविहिं बीहावई खोयखुद्द ॥ ॥ नरमुकर बुकर कहतासु करि ककर खंग-1 ॥१० ॥
हवि जासु । श्रह दिन दिहिहिं सयललोइ सिरिवीरपासि श्रावंत सोई॥ ए॥ घत्स-एरिस तं विलिय गोयमि पुलिया
वीरनाहमह आश्सहु । इणि केरिस किचन पावविरुघल जेणि सहइ एरिसन उह ॥१०॥ नासबह सामिय अस्कश्महुसरवाणि तं किं पि कर जिय रुद्दकाणि । घणघोरकम्म करुणाविमुक्क निस्संकपणइ बहुपावदुक्क ॥ ११॥ जिणि एरिस ?
पुरकह पंजरम्मि निवझत सयावि अ जकारम्मि । तो पुल गोयम पुणवि वीर मह कहन नाह गंजीरधीर ॥१॥ एयाभारिस अंधनराज कोवि अवरोऽवि अस्थि सुरिकर्ड जणोऽवि । जं पिरिक विरचई कामिणोऽवि संसारविसयसुरस्कार
तेऽवि ॥ १३ ॥ पहु वागरेश श्त्येव गामि नरनाहु अस्थि जो विजयनामि । तसु रमणि मिगानंदण अईव मुस्कियजण चूमामणि सदीव ॥ १४ ॥ नहु नयणवयणकरचरण तासु नहु दीस नासा कन्न जासु । नडु सीसनमुह अह रुन्नि अश्स कुरूवबीनबवन्नि ॥ १५॥ पगईए बहिर अंधस्सरूव कियकम्मि नपुंसग पुरकरूव । श्रागारमित्त पंचिंदियाण तसु अस्थि देहु इरिककगण ॥ १६॥ अमनामि तस्स गनंतरेऽवि अप्रिंतरवाहिणि तह अमेवि । बाहिरपवहाट तहेव श्रह अमनामि पूइए वहति सुहु॥ १७॥ सोणिय वहंति मनाडिया तह कन्नघमणिनासंतरा । उनिय सुन्निय
पाला॥१00 नामीउ वहति सोणिय तह पूल अश्रंत ॥१०॥ अग्गिट तसु वायु सयावि अंगि गलेऽविदु पावजरप्पसंगिक पकुण सो खोमाहारमेव अश्रजिगंध मुघर तहेव ॥ १५॥ एरिस असुरुजर अणुहवे नारय जिम काख श्रश्क
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