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________________ ओत्पत्तिक्या उदाहरणानि श्रीआव- मायरो सुमिणमि घरमागतो नियकणं परिणेन्तगो दिट्ठो, ततोऽणेण चिंतियं-एतीए पसाएण महई विभूई भविस्सइ, पच्छा सो श्यकमल- वीहीए उवविट्ठो, तेण तमणण्णसरिसाए आगईए दट्टण चिंतियं-एसो सो रयणायरो भविस्सइ, तप्पभावेण अणेण मिलक्खुयगिरीय- नहत्थातो अणग्धेजा रयणा पत्ता, पच्छा पुच्छितो-कस्स तुझे पाहुणगा?, तेण भणियं-तुज्झंति, घरं नीतो, कालेण से वृत्तौनम- धूया दिन्ना, भोगे भुंजति, कालेण य नंदाए सुमिणमि धवलगयपासणं, आवण्णसत्ता जाया, पच्छा रणा से उट्टवाला स्कारे पेसिया-सिग्धं एहित्ति, ततो सेणिओ नंदं आपुच्छति, भणति य-अम्हं रायगिहे नगरे पंडरकुडुगा पसिद्धा गोवाला, जइ अम्हेहिं कजं सिग्धमेजाहित्ति, ततो गतो, देवलोगचुयगम्भाणुभावेण तीए दोहलो-वरहत्थिखंधगया अभयं सब॥५१९॥ जंतूण देमित्ति, सेट्ठी दवं गहाय रण्णो उवहितो, रायाणएण गहियं, पडिपुन्नो कतो दोहलो, जातो पुत्तो, अभओ नाम कयं, पाढवयसंपन्नो पुच्छइ-मम पिया कहिंति ?, कहियं तीए, तत्य वच्चामोत्ति भणइ, पडिवण्णं तीए, सत्येण समं | है वच्चंति, रायगिहस्स बहिया ठियाणि, अभओ गवेसओ गतो, राया मंति मग्गइ, कुवे खुडुगं पाडियं, जो गिण्हइ हत्थेण तडे संतो तस्स राया वितिं देइ, अभएण दिढ़, छगणेण आहयं, सुक्के पाणियं मुक्कं, तडि संतएण गहियं, रायाए समीवं गतो, पुच्छितो-को तुम.?, तुज्झ पुत्तो, किह वा किं वा !, सवं परिकहियं, तुट्ठो उस्संगे कतो, माया पविसिजंती मंडिउमारद्धा, अभएण वारिया, अमच्चो जातो, एसा एयस्स उप्पत्तिया बुद्धी ४ापडत्ति हो जणा व्हायंति, एगस्स पडो दढो एगस्स जुप्णो, जुण्णइत्तो ददं गहाय पद्वितो, इयरो मग्गइ, न देइ, भणइ य-एसेव मे पडो, राउले ववहारो जातो, कारणिगेहिं पुच्छियं-एए पडा कीया घरवूया वा ?, दोहिवि कहियं-घरवुया, ततो महिला कलाविया, ततो सुत्ताणुसारेण Jain Education X I For Private & Personal use only www.ainelibrary.org
SR No.600045
Book TitleAvashyakasutram Part_3
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Malaygiri
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages312
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size18 MB
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