________________
Jain Education International
नमोनमः श्री गरूप्रेमसरये ।
श्रुतकेवलि श्रीमद्भद्रबाहुस्वामिसूत्रितनियुक्तियुत - श्रीमन्मलयगिर्याचार्यकृतविवरणयुतं
श्री आवश्यकसूत्रम्
(प्रथमो विभाग ।
प्रकाशक
श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट ७, बीजो भोईवाडो, भुलेश्वर, मुंबई - ४०० ००२.
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org.