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________________ भतिष्ठा CARENGENERALCHAK मुले च मध्ये नवकांगुलं स्यात्रिः स्यात्तयोः सत्परिधिप्रतानं ॥ १७५ ।। जंघाद्वयं वृत्तमथो द्वितालं षडंगुला तत्पिटिका सुमध्या। सपादतुर्याशकगुल्फदेशः पादौ चतुश्चंद्रकलावदातौ ॥ १७६ ॥ सुगूढगुल्फो शुभचिह्नलक्ष्यौ सदंगुलीयोगविधानदृश्यौ। निम्नोन्नतं तत्र तलं प्रदिष्टं सत्र्यंगुलांगुष्ठविभासमानं ॥ १७७ ॥ ऋज्वायतस्य स्विति मार्ग एष पर्यंकसंस्थस्य विशेष उक्तः। उत्सेधमूर्ध्वात्परिणाहकार्धं तावत्सुपर्यकमवस्थितं स्यात् ॥ १७८ ॥ सुबाहुयुग्मांतरिते प्रदेशे तुर्यागुलं चांतरमाहुरन्ये । प्रकोष्ठकास्कूपरमूलवृद्धं सद्वन्यंगुलं सन्निपुणैर्विधेयं ॥ १७९ ॥ अरु कुकुदराकार अर्थात बालूका टीवाके आकार नितंब होय सो पुष्ट मांस करि गांठि संयुक्त होय । अरु कांधाका प्रदेशते अपानका - प्रदेश छत्तीस अंगुल अन्तर पृष्ठकी तरफसे जानौ अरु ऊरु दोन्यू ओर दोय विलस्ति प्रमाण प्रत्येक लंबे अरु विस्तीर्ण ग्यारा अंगुलसे नीचा अरु गोड़ा की तर्फ से मूल अरु मध्यमें नव अंगुल होय, अरु तिगुणी ताकी परिधि होय । अरु दोन्यूजंघा वृत्त कहिये गोलाकार अरु लंबे दोताल हैं, चौईस अंगुल हैं अरु ताकी पीडी सुन्दर है मध्यभाग जाका ऐसी छह अंगुल होय अरु टिकूण्यां किंचित् दृश्य च्यारि अंगुल होय अरु चरण चौदह अंगुल होय । बहुरि वे चरण गूढ़ हैं टिकूण्या जाकी अर सुन्दर चिन्हसंयुक्त होंय अर सुन्दर अंगुलीनिकी योजनामें निपुण ऐसे होंय अर वाका तल किंचित् नीचा कहिये ऊंडा पर तीन अंगुल प्रमाण अंगुलीनिकर शोभायमान होय । ऐसें सरल सीधा कायोत्सर्ग है प्रतियाका येह मार्ग कया है । अर पद्मासन मूर्तिका कुछ भेद है सो येह ऊंचाईत मोटाई अधे प्रमाण होय दोन्यू हस्त और चरण ऊपरि नीचे है। पर्यंकासनमें जैसै अवस्थित है, तैसें होय । बहुरि याही पर्य कासनमें दोन्यू भुजानिका अपना पखवाड़ाका अन्तर च्यारि अंगुल प्रमाण कथा । || है। अरु अन्य प्राचार्यनिका ऐसा मत है कि इस्तका पोहच्यांसे कूण्यांकी वृद्धि ताई दोयही अगुल अन्तर होय ॥ १७४-१७६ ॥ सल्लक्षणं भावविवृद्धिहेतुकं संपूर्णशुद्धावयवं दिगंबरं । 156SHIRDINESHDOOR-LOBILE RECENT Jain Educat library.org For Private & Personal Use Only onal
SR No.600041
Book TitlePratishthapath Satik
Original Sutra AuthorJaysenacharya
Author
PublisherHirachand Nemchand Doshi Solapur
Publication Year
Total Pages316
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size17 MB
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