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________________ Puraute बेराग्य Jha ते महारे एक मातापणा धकी भाई छे, एटले तेनी अने महारी एक माता हे, माटे भाई पाय छे ॥१॥ अने महारी भाषांतर शतकम् मातानो भरतार थयो, तेथी महारो पिता धाय छे ॥२॥ अने महारा काकानो पिता थयो, तेथी महारो बडाउओ सहित ॥४१॥ ॥ ४१॥ थयो ॥३॥ अने प्रथम मने परण्यो छे, माटे महागे भरतार थाय छे ॥४॥ अने महारी शोक्यनो पुत्र थाय छे, माटे महारो पुत्र पण धाय के ॥५|| अने महारा दीयरनो पिता थाय, माटे महारो ससरोके ६॥-ए प्रकारे बालकना पिता। Parl कुबेरदत्तनी साथे पोताना छ संबंध कहीने, वली कहती हवी. जे आ बालकनी माता छे, ते मने पण जगनारी छ, it K माटे महारी पण माता छे. ॥१॥ अने महारा काकानी माता छे, तेथी महारी दादी लागे छे ।।२।। अने महारा भाइनी | स्त्री थइ, तेथी महारी भोजाइ थाय छे ॥३॥ अने महारी शोक्यना पुत्रनी स्त्री थइ, माटे महारी बहु थइ ॥४॥ अने | 30 महारा भरतारनी माता थइ, तेथी महारी सासु थइ ।।५।। अने महारा भाईनी बीजी स्त्री थइ, माटे महारी शोक्य JE धइ ॥६॥ ए रीते आ बालकनी माता कुबेरसेना वेश्यानी साथे पोताना छ संबंध देखाड्या. ए प्रकारे आ अढार | संबंध कहीने ते साध्वी, ते संबंधोनी खातरी करवाने अधे, पोते व्रत ग्रहण कर्यु ते अवसरे राखेली पोतानी वीटी कुबेरदत्तने आपती हवी. लार पछी कुबेरदत्त पण ते बोटी देखीने सर्व संबंधन विरुद्धपणुं जाणीने, तत्काल वैराग्य र पामीने, पोतानी निंदा करतोसतो पोतानी शुद्धिने अर्थे चारित्र ग्रहण करतो हवो. अने वली महा तप3t It करतो हवो. तथा कुबेरसेना वैश्या पण ते प्रवृत्ति सांभलवा थकी प्रतिबोध पामी सती श्रावकनो धर्म अंगीकार | करती हवी. त्यार पछी कुबेरदत्ता साध्वी, ए प्रकारे तेमनो उद्धार करीने पोतानी प्रवर्तिनी पासे गइ, एटले पोतानी | كاملة وفقا لما قالت منال العالم __JainEducation IntemNA010_05 For Private & Personal use only Janww.jainelibrary.org
SR No.600040
Book TitleVairagya Shataka
Original Sutra AuthorPurvacharya
AuthorGunvinay
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year
Total Pages176
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size9 MB
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