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________________ साध्वीनी आगल भूइ उपर लोटतो मूकती हवी. ते अवसरे अवसरनी जाण एवी जे साध्वी; ते आगामी कालमां भाषांतर JE लाभ जाणीने ते यालकने आ प्रकारे बोलावती हवी. हे बालक! तुं महारो भाई छु. ॥१॥ तुं महारो पुत्र छु.॥२॥JE शतकम्म सहित ॥४॥ तुं माहारो दीयर छु. ॥३॥ तुं महार। भाईनो पुत्र छु, एटले भत्रिजो छु. ॥४॥ तुं महारो काको छु. ॥५॥ तुं महारा ॥४०॥ pril पुत्रनो पण पुत्र छु. तथा जे तहारो पिता छे, ते महारो भाई छे. ॥१॥ अने महारोपिता छे. ॥२॥ अने महारा पितानो l पिता, एटले महारो वडाउओ छे. ॥३॥ माहारो भरतार छे. ॥४॥ महारो पुत्र छे. ॥५॥ अने महारो ससरो पण छे. ॥६॥ 3 तथा जे तहारी माता छे, ते महारी माता छे. ॥१॥ अने महारा पितानी माता छ. ॥२॥ अने महारा भाईनी स्त्री छे. JE ॥३॥ अने महारी बहु छे. '४॥ अने महारी सासु छे. ॥५॥ अने म्हारी शोक्य पण छे. ॥६॥ ए रीते कहीने साध्वी | ते बालकने वारंवार योलावे छे. त्यार पछी एक दहाडो कुबेरदत्त तेनुं वचन सांभलीने, आश्चर्य पाम्यो सतो, ते साध्वीने कहेतो हवो. हे आर्ये! वारंवार आयु अजुक्त शुं बोलो छो? सारे साध्वी कहेती हवी. हुं अजुतुं नथी बोलती. जे कारण माटे आ बालक एक मातापणा थको भाई छे, एटले तेनी अने महारी एक माता छ, तेथी महारो 9 भाई थाय छे. ॥१॥ अने महारा भरतारनो पुत्र छे, माटे महारो पुत्र थाय छे ॥२॥ अने महारा भरतारनो नहानोJE भाई छे, माटे महारो दीयर छे. ॥३॥ अने महारा भाईनो पुत्र छे, माटे महारो भत्रीजो छे. ॥४॥ अने महारी माताना पतिनो भाई छे, माटे महारो काको लागे छे ॥५॥ अने महारी शोक्यना पुत्रनो पुत्र छे, माटे महारो पात्रो PE लागे छे ॥६॥-ए प्रकारे बालकनी संगाथे पोताना छ संबंध देखाडीने, वली कहेती हवी. जे आ बालकनो पिता छे, ३ Join Education Intem o10:05 For Private Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.600040
Book TitleVairagya Shataka
Original Sutra AuthorPurvacharya
AuthorGunvinay
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year
Total Pages176
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size9 MB
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