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________________ साधुसाध्वी 2 कहे, बाद खमा० देकर 'इच्छा ० संदि ० भग • ! पख्खी (१) सूत्र संदिसाउं ? इच्छं इच्छामि खमा - विधि॥ ३५॥ इच्छा० संदि० भग० ! पख्खी सूत्र कड्ढुं ? इच्छं' कहकर ३ नवकार गिण कर पख्खी सूत्र कहे, जो सुनने A संग्रहः वाले होवे ? वे तस्सउत्तरि०तथा अन्नत्थ० कहकर काउसग्गमें खड़े खड़े सुणे, यदि खडे रहने की शक्ति न हो ? तो बैठकर सुणे, पक्खी सूत्र बोल जाने के बाद “ सुयदेवया भगवइ ” यह गाथा बोलने के समय सब जणे . खड़े होकर काउसग्ग पारकर ३ नवकार गिणे, बादमें बैठकर ३ नवकार ३ करोमि भंते ! तथा “ चत्तारि I मंगलं० " आदि कह कर " इच्छामि पडिक्कमिउं जो मे पख्खिओ " तथा " इच्छामि पडिकमि इरियावहियाए” कहकर पगामसिजाए (२) कहे। खमा ० देकर कहे- 'इच्छा० संदि० भग० ! मूलगुण उत्तर गुण अतिचार विशुद्धि निमित्तं काउस्सग्ग करूं?' गुरु कहे-'करेह' बाद 'इच्छं' कहकर करेमि भंते! इच्छामि ठामि | 443434 (१)चौमासी में “चौमासी सूत्र" और संवच्छरी में “संवच्छरी सूत्र" बोलना । (२) पहले और तीसरे आलावेके अंतमें"जो मे पख्खिओ, जो मे चोमासिओ, जो मे संवच्छरिओ०" इत्यादि तथा "तस्स धम्मस्स" कहकर खड़े हुए बाद "तस्स सव्वस्स पख्खियस्स, तस्स सव्वस्स चोमासियस्स, तस्स सव्वस्ससंवच्छरियस्स" इत्यादिमें पख्खी, चौमासी या संवच्छरी जो होवे ? उसका नाम बोलना। ॥३५॥ JainEducation Interm e lo10_05 For Private & Personal Use Only alww.jainelibrary.org
SR No.600039
Book TitleAvashyakiya Vidhi Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhimuni, Buddhisagar
PublisherHindi Jainagam Prakashak Sumati Karyalaya
Publication Year
Total Pages140
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript, Ritual, & Vidhi
File Size7 MB
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