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॥ श्रीजिनाय नमः ॥ ॥श्रीपंचसंग्रहटीका-नाग त्रीजो ॥ मूलक -(श्रीचंर्षिमहत्तर)-टीकाकार—(श्रीमलयगिरिजी )
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पावी प्रसिह करनार. पंमित श्रावक हीरालाल हंसराज. (जामनगरवाला) संवत्-१९६६. सने १५१०
किं. रु-3-6-0
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