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________________ बोले, ।५० - ५३ । मेरी जामिन देकर और सम्पूर्ण यादवोंकी साक्षी ( गवाह बनाकर व रुक्मिणी जो इस प्रकार उपद्रव करती है, सो किसकी शक्तिसे करती है | ५४ | उसके घमण्डको मैं क्षणभर में दूर कर दूंगा । मन्त्रियों ! तुम निश्चिन्त होकर अपने घर जाओ, मैं पापिनी रुक्मिणीको उसके अन्याय रूपी वृक्षका फल शीघ्र ही दिखलाऊँगा । ५५ - ५६। ऐसा कहकर उन्होंने मन्त्रियों को अपने २ घर भेज दिया । सो वे सेवक जनोंके साथ सन्तुष्ट चित्त होकर चले गये । इसके पीछे क्रोधयुक्त बलदेवजीने अपने नौकरोंको रुक्मिणीका घर लूटनेके लिये भेजा । ५७-५८ । उधर रुक्मिणी और प्रद्युम्न कुमारका जो कुछ वृत्तान्त हुआ सो कहा जाता है । भव्य जनों कोदरपूर्वक सुनना चाहिये । सत्यभामाकी स्त्रियोंकी विडम्बना हो चुकने पर और उनके चले जाने पर प्रद्युम्नने कंचुकीका रूप बदलकर फिर चुल्लकका रूप धारण कर लिया । उसे फिर से पूर्व रूप में देखकर रुक्मिणी बोली, जो विद्याधर के गृहमें वृद्धिको प्राप्त हुआ है, तू वही मेरा प्यारा पुत्र है । और नारदजी ये हैं इसमें कुछ भी सन्देह नहीं रहा है । क्योंकि विद्याके बल बिना दूसरे की ऐसी गति नहीं हो सकती है । ५६-६२। अब तुझे अपनी माता के साथ हास्य नहीं करना चाहिये । हे बेटा, अपनी मायाको समेटकर अब तू प्रगट हो जा । ६३ । तूने बालकपनमें सम्पूर्ण विद्याधर राजाओं को अपने वशमें किये हैं, तुझे सोलह लाभ प्राप्त हुए हैं, तू सब विद्याओं का स्वामी है, और सुना है कि पूर्व में विद्याधर तथा किन्नरोंने तेरा हित किया है । मैंने तेरे लेने के लिये नारदमुनिको भेजा था । ६४-६५ । माताके यह वचन सुनकर प्रद्युम्नकुमार बोले, नारदजीके साथ तो मैं ही आया हूँ । परंतु जब मैं ऐसा कुरूप और सर्व लक्षणों से रहित हूँ, तब हे माता ! मुझ सरीखे पुत्र से तेरा क्या कार्य सिद्ध होगा ? । ६६-६७। कुपूत पुत्र से माता को लज्जित होना पड़ता है, यह बात निश्चित है । अतएव हे माता ! मुझे जाने दे । मैं कहीं दूसरी जगह चला जाऊँगा । ६८ । ब्रह्मचारीके वचन सुनकर रुक्मिणी Jain Education International For Private & Personal Use Only प्रधुम्न २५८ चरित्र www.jatedlibrary.org
SR No.600020
Book TitlePradyumna Charitra
Original Sutra AuthorSomkirtisuriji
AuthorBabu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageHindi
ClassificationManuscript & Story
File Size9 MB
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