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अन्नन प्र.कल्प
॥१०॥
ORAIRES
| "ॐ हाँ हाँ परमाईते परमेश्वराय गन्धपुष्पादिसंमिश्रपञ्चामृतेन स्नापयामीति स्वाहा"
॥ इति नवमं स्नात्रम् ॥९॥
___ - दशमुं (.सुगंधौषधि) स्नात्रःअंबर वि. सुगंधी वस्तुओर्नु चूर्ण करी पाणीमां नांखी कळश भरी नीचेना लोक ने मंत्र बोली अभिषेक करयो :सर्वविघ्नप्रशमनं, जिनस्नात्रसमुद्भवे । वन्धं सम्पूर्णपुण्यानां, सुगन्धैः स्नापयेजिनम् ॥१॥ (अनु.)
सकलौषधिसंयुक्त्या, सुगन्धया घर्षितं सुगतिहेतोः।
स्नपयामि जैनविम्बं, मन्त्रिततन्नीरनिवहेन ॥ २ ॥ ( आर्या ) “ॐ हाँ हाँ परमाईते परमेश्वराय गन्धपुष्पादिसंमिश्राऽम्बरोसीरादिसुगन्धद्रव्यसंयुतजलेन स्नापयामीति स्वाहा" ।
॥ इति दशमं स्नात्रम् ॥१०॥
:- अगीयारभु (पुष्प) स्नात्र:१ सेवंत्रा, २ चमेली, ३ मोगर, ४ गुलाब, ५ जूई ए पांच जातनां फूलो पाणीमा नांखी कळशो भरी नीचेना श्लोक तथा मंत्र बोली अभिषेक करवो :
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