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उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता तिसलाए खत्तियाणीए सपरिजणाए ओसोणि दलइ, ओसोणि दलित्ता असुहे पुग्गले अवहरति, असुहे पुग्गले अवहरित्ता सुहे पुग्गले पक्खिवइ, सुहे पुग्गले पक्खिवित्ता समणं भगवं महावीरं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरति, जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए गन्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरति, साहरित्ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए ॥२७॥ ___ उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए छेयाए जयणाए उद्ध्याए सिग्घाए दिवाए देवगईए, तिरियमसंखिज्जाणं दीवसमुदाणं मज्झं मज्झेणं जोयणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं उप्पयमाणे २ जेणामेव सोहम्मे कप्पे सोहम्मडिसए विमाणे सक्कंसि सोहासणंसि सक्के देविदे देव
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कल्पसूत्र ५२
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