________________
गब्भत्ताए वक्तं पासइ, पासित्ता हट्ठ-तुट्ठ-चित्तमाणंदिते [णंदिए परमाणंदिए] पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवस-विसप्पमाणहियए धाराहय-नीवसुरहि-कुसुमचंचुमालइय-ऊससिय-रोमकूवे वियसियवरकमलनयणवयणे पयलिय-वर-कडग-तुडिय-केऊर-मउड-कुंडल-हारविरायंत-वच्छे पालंब पलंबमाण-घोलंत-भूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं सुरिंदे सीहासणाओ अब्भुट्टेइ, सोहासणाओ अब्भुट्टिता पायपीढाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता वेरुलिय-वरिट-रिटुअंजण-निउणोवियमिसिमिसिंत-मणिरयण-मंडियाओ पाऊयाओ ओमुयइ, ओमुइत्ता एगसाडिअं उत्तरासंगं करेइ, करित्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे सत्त?
Emmge
कल्पसूत्र
Jain Education Interational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org