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________________ इस संस्करण की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि सामने (ऊपर) के पृष्ठ पर जितना मूल पाठ दिया गया है उतना ही नीचे के पृष्ठ पर एक विभाग (कॉलम) में हिन्दी और दूसरे विभाग(कॉलम) में अंग्रेजी अनुवाद दिया गया है। इस पद्धति से पाठक प्राकृत भाषा के मूल पाठ के साथ-साथ दोनों भाषाओं के अनुवादों का रसास्वादन भी सहजभाव से कर सकता है। प्राभार भगवान् महावीर २५वीं निर्वाण शताब्दी वर्ष में राजस्थान सरकार ने राज्यस्तर पर माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समारोह समिति की स्थापना की और श्री देवेन्द्रराज मेहता को इसका सचिव नियुक्त किया। समिति ने श्रमण भगवान् महावीर के जीवन से सम्बन्धित, चतुर्दश पूर्वधर श्री भद्रबाहु स्वामी प्रणीत कल्पसूत्र को सचित्र, हिन्दी-अंग्रेजी भाषा के साथ प्रकाशित करने का निर्णय लिया। इस कार्य को सम्पन्न करने के लिए सम्पादन तथा हिन्दी अनुवाद का गुरुतर कार्यभार मुझे सौंपा गया । एतदर्थ समिति के सचिव श्री देवेन्द्र राजजी मेहता का मैं हृदय से अत्यन्त ही आभारी एवं कृतज्ञ हूँ कि उन्होंने मुझे भगवान महावीर को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का यह अवसर प्रदान किया। श्री जिनेन्द्रकुमार जैन, तत्कालीन निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, एवं निदेशक, राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने सम्पादन-उपयोग हेतु राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर संग्रह से कल्पसूत्र की सचित्र प्रति प्रदान कर सहयोग दिया, अतएव में इनका भी आभारी हैं। अनुवाद कार्य में श्री शुभकरणसिंहजी बोथरा, भूमिका का आंग्ल भाषा में परिवर्तन करने में डॉ. मुकुन्द लाठ, समय-समय पर परामर्श देने में श्री रत्नचन्द्रजी अग्रवाल, निदेशक, पुरातत्त्व एवं संग्रहालय, श्री अगरचन्दजी नाहटा, मुद्रण कार्य में जयपुर प्रिण्टर्स के संचालक, थी सोहनलालजी जैन, श्री राजमलजी जैन तथा श्री सूरजप्रकाश शर्मा, श्री प्रकाशचन्द्रजी गोयल आदि कर्मचारी वर्ग और टंकरण कार्य में श्री राजेन्द्र जैन +putws wwR Suitas ein Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600010
Book TitleKalpasutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur
Publication Year1984
Total Pages458
LanguageHindi
ClassificationManuscript, Canon, Literature, Paryushan, & agam_kalpsutra
File Size11 MB
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