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कारं ओमुइत्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, लोयं करित्ता अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय तिहिं पुरिससरहिं सद्धि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥१५३॥ ___ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तेसीइं राइंदियाई निच्चं वोसट्ठकाए चियत्तदेहे जे केइ
HIRSHARMA SAAwarananew
NAAAWANAN
कल्पसूत्र
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