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चरियं अणद्धयमुइंगं (ग्रं. ५००) अमिलायमल्लदामं पमुइयप्पक्कीलिय-सपुरजणजाणवयं दसदिवसं ठिइपडियं करेइ ॥६॥ _ 'तए णं [से] सिद्धत्थे राया दसाहियाए ठितिपडियाए वट्टमाणीए सइए य साहस्सिए य [सयसाहस्सिए य] जाए य दाए य भाए य दलमाणे य दवावेमाणे य, सइए य साहस्सिए य [सयसाहस्सिए य] लंभे पडिच्छमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं वा विहरति ॥१००॥
तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठितिपडियं करेंति, तईए दिवसे चंदसूरदंसणियं करिति, छट्टे दिवसे धम्मजागरियं करेंति, इक्कारसमे दिवसे विइक्कते निव्वत्तिते असुइजातकम्मकरणे, संपत्ते बारसाहदिवसे, विउलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडावेंति, उवक्खडाविता मित्त-नाइ-नियगसयण-संबंधिपरिजणं
कल्पसत्र १५२
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